India vs Australia 2019: अपनी इस गलती को छिपाने के लिए रवि शास्त्री ने बताया- ऑस्ट्रेलिया पर जीत विश्व कप जीतने के बराबर

India vs Australia 2019: इस समय टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है, जहां टेस्ट सीरीज में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से मात दी है. इसके बाद भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा है कि टेस्ट सीरीज में मिली जीत विश्व कप जीत से बड़ी नहीं तो उसके बराबर की है.

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India vs Australia 2019: अपनी इस गलती को छिपाने के लिए रवि शास्त्री ने बताया- ऑस्ट्रेलिया पर जीत विश्व कप जीतने के बराबर

Aanchal Pandey

  • January 10, 2019 4:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. India vs Australia 2019: मेलबर्न टेस्ट जीतने के जश्न में रवि जयद्रथ शास्त्री ने जो बीयर पी उसकी खुमारी सिडनी में खेले गए ड्रॉ टेस्ट मैच के बाद भी छाई रही. यही कारण था कि रवि शास्त्री ने ऑस्ट्रेलिया में सात दशक बाद भारत द्वारा जीती गई पहली टेस्ट सीरीज को विश्व कप जीतने के समकक्ष या उससे बेहतर बताया. सिडनी टेस्ट ड्रॉ के बाद जब टीम इंडिया ने कंगारू टीम को 2-1 से हराकर सीरीज जीती तो उसके बाद रवि शास्त्री ने कहा, टेस्ट सीरीज में मिली जीत विश्व कप जीत से बड़ी नहीं तो उसके बराबर की है.

रवि शास्त्री के इस बयान से ऐसा लगता है कि वह साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में मिली हार पर पर्दा डालना चाहते हैं. इसके साथ-साथ रवि शास्त्री विश्व कप में किए गए अपने घटिया प्रदर्शन को भी पटापेक्ष होने नही देना चाहते. रवि शास्त्री ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान 3 विश्व कप में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया. आइए एक नजर डालते हैं रवि शास्त्री के विश्व कप में प्रदर्शन पर.

1983 क्रिकेट विश्व कप में रवि शास्त्री

रवि शास्त्री ने अपने क्रिकेट करियर का पहला विश्व कप 1983 में खेला. इस विश्व कप में टीम इंडिया का पहला मुकाबला वेस्टइंडीज से हुआ. रवि शास्त्री ने इस मैच में 3 गेंदों पर 5 रन बनाए और बाद में 5.1 ओवर की बॉलिंग में 26 रन देकर 3 विकेट लिए. दूसरा मैच भारत ने जिम्बाब्वे के विरुद्ध खेला. रवि शास्त्री ने जिम्बाब्वे के खिलाफ खेले गए मैच में 27 गेंदों पर 17 रन बनाए. इसके अलावा शास्त्री ने 12 ओवर में 38 रन देकर 1 विकेट लिया. तीसरा मुकाबला टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलिया से हुआ. अब तक मिडिल ऑर्डर और लोअर मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करते आ रहे शास्त्री ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पारी की शुरुआत करने भेजा गया.

रवि शास्त्री कंगारू टीम के आगे टिक नहीं पाए और 18 गेंदों पर 11 रन बनाकर आउट हो गए. इसके बाद उन्होंने बॉलिंग में हाथ आजमाया और 2 ओवर की बॉलिंग की जिनमें उन्होंने 16 रन दिए और कोई विकेट नहीं मिला. चौथे मैच में एक बार फिर भारत का समान वेस्टइंडीज से हुआ. इस मैच में भी रवि शास्त्री सलामी बल्लेबाज के रूप में पारी की शुरुआत करने आए और 15 गेंदों पर 6 रन बनाकर आउट हो गए. इस मैच में उन्होंने बॉलिंग नहीं की. ग्रुप में 5वें और आखिरी मैच में टीम इंडिया का मुकाबला जिम्बाब्वे से हुआ. रवि शास्त्री 6 गेंदों पर महज 1 रन ही बना पाए. बाद में आखिरी ग्रुप मैच में उन्होंने मात्र 1 ओवरी बॉलिंग की जिसमें उन्होंने 7 रन खर्च किए.

रवि शास्त्री के इस घटिया परफॉर्मेंस को देखते हुए इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल मैच में टीम से ड्रॉप कर दिया गया. इसके बाद उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए विश्व कप फाइनल मैच में भी टीम में शामिल नहीं किया गया. ऑलराउंडर के तौर पर टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व करने वाले रवि शास्त्री 1983 क्रिकेट विश्व कप में पूरी तरह फ्लॉप रहे उनके बल्ले से 5 मैचों में सिर्फ 60 रन निकले और वह 4 विकेट ही ले पाए.

1987 क्रिकेट विश्व कप में रवि शास्त्री

रवि शास्त्री को 1987 के क्रिकेट विश्व कप में भी बॉलिंग और बैटिंग में कुछ खास करिश्मा नहीं कर पाए. विश्व कप के पहले मैच में भारत का सामना ऑस्ट्रेलिया से हुआ. कंगारुओं के खिलाफ रवि शास्त्री 11 गेंदों पर 12 रन बनाकर आउट हो गए. बाद में रवि ने बॉलिंग करते हुए 10 ओवर में 50 रन देकर 1 विकेट लिया. विश्व कप में दूसरा मैच भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला. जिसमें रवि शास्त्री ने 44 गेंदो पर 22 रन बनाए और 10 ओवर की गेंदबाजी में 45 रन देकर 2 विकेट लिए. तीसरे मैच में टीम इंडिया के सामने जिम्बाब्वे की टीम थी. रवि को इस मैच में बैटिंग करने का मौका नहीं मिला और 8.2 ओवर में 28 रन देकर 1 विकेट लेने में सफल रहे.

चौथे मैच में भारत का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से हुआ इस मैच में रवि शास्त्री ने 7 गेंदों का सामना करते हुए 8 रन बनाए. वहीं 10 ओवर की बॉलिंग में 35 रन खर्च कर कंगारू टीम के 1 खिलाड़ी को आउट करने में सफल रहे. 5वें मैच में भारत जिम्बाब्वे से भिड़ा. रवि ने बैटिंग नहीं की और 10 ओवर में 35 रन देकर इस मैच में भी 1 विकेट उनके खाते में आया. 1987 क्रिकेट विश्व कप में भारत ने 6ठा मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला रवि ने बैटिंग नहीं की और गेंदबाजी करते हुए 10 ओवर में 31 रन देकर 1 विकेट लिया. इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए 7वें मैच में रवि शास्त्री ने बैटिंग करते हुए 32 गेंदों पर 21 रनों की पारी खेली. बाद में गेंदबाजी में उन्होंने टीम इंडिया को फिर निराश किया और 10 में 49 रन देकर उन्हें कोई विकेट नहीं मिला.

https://youtu.be/j_CRnBg3Cak

1983 क्रिकेट विश्व कप की तरह रवि शास्त्री 1987 क्रिकेट विश्व कप में भी फ्लॉप रहे. 1987 क्रिकेट विश्व कप में रवि शास्त्री ने 7 मैच खेले और 53 रन बनाए. उन्होंने 68.2 ओवर की गेंदबाजी में महज 7 विकेट ही ले पाए

1992 क्रिकेट विश्व कप में रवि शास्त्री

साल 1992 में खेला गया क्रिकेट विश्व कप रवि शास्त्री के करियर का अंतिम विश्व कप था. उनके करियर के अंतिम इस विश्व कप में रवि शास्त्री से बेहतर प्रदर्शऩ की उम्मीदें थीं. आइए एक नजर डालते हैं रवि शास्त्री ने 1992 क्रिकेट विश्व कप में क्या गुल खिलाए. इस विश्व कप में भारत का पहला मुकाबला इंग्लैंड से हुआ. रवि शास्त्री ने पहले मैच में 112 गेदों पर 57 रन बनाए. भारत का दूसरा मैच पूरा नहीं हो पाया जिसका परिणाम नो रिजल्ट रहा, लेकिन दूसरे मैच में शास्त्री को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया था.

तीसरा मैच भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ. रवि शास्त्री ने 67 गेदों पर 25 रन बनाए और रवि ने बॉलिंग नहीं की. इसके बाद टीम इंडिया ने 5 और मैच खेले लेकिन इन सभी मैचों में रवि शास्त्री को कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने बाहर बैठाना उचित समझा. 1992 क्रिकेट विश्व कप में रवि शास्त्री ने 2 मैच खेले और 82 रन बनाए और 1 विकेट लिया. कुल मिलाकर इन तीनों विश्व कप में रवि शास्त्री ने 17 मैचों में 195 रन बनाए और 12 विकेट लिए.

तीनों विश्व कप में रवि शास्त्री के प्रदर्शन पर विहंगम दृष्टि डालने से ये प्रतीत होता है कि विश्व कप में उनका प्रदर्शन बहुत ही निम्न स्तर का रहा. विश्व कप टीम का हिस्सा रहे रवि शास्त्री जब ऑस्ट्रेलिया में जीती गई टेस्ट सीरीज को वर्ल्ड कप के बराबर बताते तो ये बात शायद ही किसी क्रिकेट प्रेमी के गले उतरेगी. ऑस्ट्रेलिया में 7 दशक बाद मिली टेस्ट सीरीज जीत भावात्मक रूप से तो बड़ी हो सकती है लेकिन विश्व कप से कभी बड़ी नहीं हो सकती. किसी टीम के लिए विश्व कप जीतना कितना मायने रखता है इस बात वे कप्तान और टीमें अच्छी तरह वाकिफ हैं जो अब तक क्रिकेट विश्व कप जीत नहीं पाईं.

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