नई दिल्ली : हर टीम और खिलाड़ी बुरे दौर से गुजरते है चाहे भारत, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका की टीम हो चाहे कोई और टीम. पहले हम श्रीलंका क्रिकेट टीम की बात करते है. एक समय था जब श्रीलंका टीम किसी को भी हराने का माद्दा रखती थी लेकिन आज के दौर में उसके विश्व कप का […]
नई दिल्ली : हर टीम और खिलाड़ी बुरे दौर से गुजरते है चाहे भारत, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका की टीम हो चाहे कोई और टीम. पहले हम श्रीलंका क्रिकेट टीम की बात करते है. एक समय था जब श्रीलंका टीम किसी को भी हराने का माद्दा रखती थी लेकिन आज के दौर में उसके विश्व कप का क्वालीफायर खेलने पर मजबूर हो. सौरव गांगुली की कप्तानी के समय भारत को जिंबाब्वे भी हरा देती थी लेकिन मौजूदा समय आईसीसी की रैंकिग में भी नहीं है. इसी तरह ऑस्ट्रेलिया टीम की बात की जाए तो रिंकी पोटिंग, ब्रेट ली, ग्लेन मैक्ग्रा जैसे खिलाड़ियों ने जब क्रिकेट से संन्यास लिया था तो टीम बिखर सी गई थी लेकिन फिर ऑस्ट्रेलियाई टीम ने मजबूती से वापसी की. दूसरे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भारत को हराकर खिताब जीता.
भारतीय टीम में भी 2011 से 14 के बीच बदलवा देखा गया था. उसी दौर में क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर समेत तमाम दिग्गज खिलाड़ी क्रिकेट को अलविदा कह रहे थे. बता दें कि 2012 में राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने क्रिकेट को अलविदा कहा था. वहीं 2013 में सलामी बल्लेबाज सहवाग ने और 2014 में तेज गेंदबाज जहीर खान ने क्रिकेट से संन्यास लिया था. उसके बाद भारतीय टीम काफी कमजोर हो गई थी. एक समय ऐसा था जब क्रिकेट के प्रशंसक ऐसा सोचते थे कि अगर सचिन तेंदलुकर संन्यास ले लेते है तो कौन ओपनिंग करेगा लेकिन समय के साथ टीम में खिलाड़ी आते गए और बढ़िया प्रदर्शन करते गए.
मौजूदा समय में भारतीय टीम में कई खिलाड़ी खेल रहे जो संन्यास की कगार पर खड़े है. भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा, पुजारा, स्पिनर अश्विन के साथ तमाम खिलाड़ी है जो आने वाले 1-2 सालों में संन्यास ले सकते है. ऐसे में बीसीसीआई को टीम में नए खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए ताकि टीम हो सके. रणजी में सरफराज खान काफी दिनों से बढ़िया प्रदर्शन कर रहे है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार खान को वेस्टइंडीज में होने वाले टेस्ट सीरीज में टीम का हिस्सा हो सकते है.
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