नई दिल्ली: भारत ने 2024 के शतरंज ओलंपियाड में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। बुडापेस्ट में आयोजित हुआ 45वें चेस ओलंपियाड में भारत ने पुरुष और महिला दोनों श्रेणियों में गोल्ड मेडल जीतकर नया इतिहास रच दिया है। यह पहली बार है जब भारत ने एक ही ओलंपियाड में दोनों वर्गों में स्वर्ण पदक जीते हैं, जिससे भारतीय शतरंज इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है।
पुरुष टीम ने स्लोवेनिया के खिलाफ 11वें और अंतिम राउंड में शानदार खेल का प्रदर्शन किया। वर्ल्ड चैंपियनशिप चैलेंजर डी. गुकेश ने व्लादिमीर फेडोसेव के खिलाफ काले मोहरों से खेलते हुए अपनी रणनीतिक और तकनीकी क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन किया। 18 वर्षीय ग्रैंडमास्टर ने कठिन परिस्थितियों में भी अपनी सूझबूझ से जीत हासिल की, जिससे टीम को बड़ी मजबूती मिली।
दूसरे खिलाड़ी अर्जुन एरिगैसी ने भी अपने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए तीसरे बोर्ड पर जान सुबेल्ज को हराया। उनका खेल सेंटर काउंटर डिफेंस के तहत खेला गया, जिसमें उन्होंने पूरी तरह से दबदबा बनाए रखा। वहीं आर. प्रग्गनानंद ने एंटोन डेमचेंको को मात दी, जिससे भारत ने स्लोवेनिया के खिलाफ 3-0 से जीत दर्ज की।
भारतीय पुरुष टीम ने कुल 22 में से 21 अंक अर्जित किए, जिसमें उज्बेकिस्तान के खिलाफ 2-2 से ड्रॉ भी शामिल था। टीम ने अन्य सभी मुकाबलों में जीत दर्ज कर पूरे टूर्नामेंट में अपना दबदबा बनाए रखा।
भारतीय महिला टीम ने भी 11वें राउंड में अजरबैजान को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। हरिका द्रोणावली, वैशाली रमेशबाबू, दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल, तानिया सचदेव और कप्तान अभिजीत कुंटे की टीम ने पूरे टूर्नामेंट में अपनी बेहतरीन रणनीति और धैर्य का प्रदर्शन किया। महिला टीम के इस ऐतिहासिक प्रदर्शन से भारत ने शतरंज के अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी मजबूत स्थिति दर्ज कराई है। दोनों टीमों की इस उपलब्धि ने भारतीय शतरंज को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।
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