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सिडनी में होगा भारत-ऑस्ट्रेलिया का पिंक टेस्ट, गुलाबी-गुलाबी होगा पूरा मैदान, इंडिया के लिए…

ग्लेन मैकग्राथ ने जेन की स्मृति में मैकग्राथ फाउंडेशन की स्थापना की, जो स्तन कैंसर रोगियों और उनके परिवारों का समर्थन करता है. पिंक टेस्ट का उद्देश्य स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता और धन जुटाना है.

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  • December 31, 2024 9:55 am Asia/KolkataIST, Updated 3 days ago

नई दिल्ली: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 का चौथा टेस्ट भारत हार गया। जो 26 दिसंबर से 30 दिसंबर तक मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया था. मेलबर्न टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 184 रनों से हराकर बड़ा झटका दिया. इस हार के बाद ऑस्ट्रेलिया ने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है. अब भारत की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में पहुंचने की उम्मीदें सिडनी टेस्ट पर ही निर्भर हैं, जो 3 जनवरी से शुरू होगा.

क्या है पिंक टेस्ट?

सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर खेले जाने वाले इस मैच को पिंक टेस्ट कहा जाएगा. पिंक टेस्ट की शुरुआत 2009 में हुई थी. पिंक टेस्ट को साल का पहला टेस्ट कहा जाता है, जो पिंक गेंद से खेला जाता है. यह टेस्ट ग्लेन मैक्ग्रा की दिवंगत पत्नी जेन मैक्ग्रा की याद में खेला जाता है, जिनकी 2008 में स्तन कैंसर से मृत्यु हो गई थी.

ग्लेन मैकग्राथ ने जेन की स्मृति में मैकग्राथ फाउंडेशन की स्थापना की, जो स्तन कैंसर रोगियों और उनके परिवारों का समर्थन करता है. पिंक टेस्ट का उद्देश्य स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता और धन जुटाना है. पिंक टेस्ट के दौरान पूरा स्टेडियम गुलाबी रंग से सराबोर है. स्टैंड, स्टाफ और खिलाड़ियों की जर्सी सभी में गुलाबी रंग की झलक है. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी खासतौर पर गुलाबी रंग की टोपी पहनते हैं और जर्सी पर उनके नाम और नंबर भी गुलाबी रंग से लिखे होते हैं.

भारत के लिए निर्णायक है सिडनी टेस्ट

इस मैच की अहमियत सिर्फ भारत की सीरीज में वापसी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह WTC फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को जिंदा रखने का आखिरी मौका है. हालाँकि, सिडनी में ऑस्ट्रेलिया का शानदार प्रदर्शन और पिंक टेस्ट की विशेष परंपरा इसे और भी चुनौतीपूर्ण बनाती है. सिडनी टेस्ट भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों के लिए बेहद खास होगा. ऑस्ट्रेलिया अपनी बढ़त बरकरार रखना चाहेगा जबकि भारत के पास खुद को साबित करने का यह आखिरी मौका है.

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