नई दिल्ली। शुभमन गिल के टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के सामने ये सवाल मजबूती से खड़ा हो गया है कि 70 दिन. 10 पारी. 132 रन. औसत 13.20। क्या इस प्रदर्शन के बाद भी किसी खिलाड़ी को प्लेइंग इलेवन से ड्रॉप कर देना चाहिए या उसको मौके मिलते रहने […]
नई दिल्ली। शुभमन गिल के टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के सामने ये सवाल मजबूती से खड़ा हो गया है कि 70 दिन. 10 पारी. 132 रन. औसत 13.20। क्या इस प्रदर्शन के बाद भी किसी खिलाड़ी को प्लेइंग इलेवन से ड्रॉप कर देना चाहिए या उसको मौके मिलते रहने चाहिए। दरअसल, इंग्लैंड ने हैदराबाद टेस्ट में भारत के खिलाफ जिस तरह से पलटवार किया और निश्चित लग रही हार को जीत में बदल दिया। उसके बाद भारतीय टीम मैनेजमेंट को बड़ा फैसला लेना ही होगा। ये बात क्रिकेट जगत के दिग्गज कह रहे हैं। इंग्लैंड के कप्तान रह चुके केविन पीटरसन ने कहा कि शुभमन गिल को कोच राहुल द्रविड़ के साथ नेट्स पर कुछ वक्त बिताना चाहिए।
भारत को इंग्लैंड के खिलाफ अगला टेस्ट मुकाबला 2 फरवरी से विशाखापत्तनम में खेलना है। हैदराबाद टेस्ट में 28 रन से मिली हार के बाद भारतीय टीम पर वापसी का दबाव रहेगा। हैदराबाद टेस्ट में कुछ प्लेयर्स का प्रदर्शन अच्छा रहा, तो अधिकतर का औसत और दो खिलाड़ी तो यहां पूरी तरह फेल रहे। पहली पारी में 23 रन बनाने वाले शुभमन गिल दूसरी पारी में शून्य पर पवेलियन लौटे। जबकि मोहम्मद सिराज भी मैच में एक भी विकेट नहीं ले सके। भारतीय टीम जब विशाखापत्तनम में दूसरा टेस्ट मैच खेलने उतरेगी तो उसे इन दो खिलाड़ियों के प्रदर्शन के बारे में जरूर सोचेगी।
जहां तक शुभमन गिल की बात है तो ये खिलाड़ी भारत के उन चुनिंदा बैटर्स में शुमार है, जो टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों फॉर्मेट में ही खेल सकते हैं। ऐसे में टीम से ड्रॉप करने पर गिल का मनोबल गिरा सकता है। रोहित शर्मा-राहुल द्रविड़ का अभी तक यही मानना रहा है। रोहित-द्रविड़ और विराट कोहली-रवि शास्त्री की जोड़ी में एक बड़ा अंतर ये भी है कि पहले प्लेइंग इलेवन में बार-बार बदलाव दिखता था। वहीं रोहित-द्रविड़ खिलाड़ियों को पर्याप्त मौके देने के पक्ष में रहे।