नई दिल्ली। इस बार फुटबॉल के सबसे बड़े टूर्नामेंट यानी फीफा वर्ल्ड कप 2022 का आयोजन एशियाई देश कतर कर रहा है। कतर को मेजबानी मिलने के बाद से ही यहां पर बवाल मचा हुआ है, दरअसल कतर में स्टेडियम सहित कई नए बुनियादी ढांचों को तैयार करने में मजदूरों की मौत की खबर सामने […]
नई दिल्ली। इस बार फुटबॉल के सबसे बड़े टूर्नामेंट यानी फीफा वर्ल्ड कप 2022 का आयोजन एशियाई देश कतर कर रहा है। कतर को मेजबानी मिलने के बाद से ही यहां पर बवाल मचा हुआ है, दरअसल कतर में स्टेडियम सहित कई नए बुनियादी ढांचों को तैयार करने में मजदूरों की मौत की खबर सामने आ रही थी। कतर ने आंकड़ों को जारी करके इसकी संख्या 40 बताई थी। लेकिन एक अधिकारी ने बड़ा खुलासा किया है और मरने वाले मजदूरों की वास्तविक संख्या इससे कई ज्यादा बताई है।
बता दें कि फीफा विश्व कप (Fifa World Cup) के आयोजन से जुड़े एक अधिकारी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने टूर्नामेंट से जुड़े मजदूरों के मौत के आंकणों को 400 से 500 के करीब बताया है। फीफा की तैयारी में इतने अधिक मजदरों की मौत के बाद मानवाधिकार समूहों द्वारा आलोचना और तेज हो सकती है। ये समूह पश्चिम एशिया के पहले विश्व कप की मेजबानी को लेकर लगातार आलोचना करते रहे हैं। कतर में 20 अरब डॉलर से अधिक के स्टेडियम, मेट्रो लाइन और टूर्नामेंट के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को तैयार करने में गए प्रवासी मजदूरो की मौत पर लगातार सवाल उठता रहा है।
बता दें कि फीफा वर्ल्ड कप में ग्रुप मैच लगातार जारी हैं, वहीं ग्रुप ए के सभी मैच खेले जा चुके हैं। 29 नवंबर यानी मंगलवार को यहां पर दो मुकाबले खेले गए, पहला मुकाबला नीदरलैंड बनाम कतर का था और दूसरा मैच सेनेगल बनाम एक्वाडोर का था। नीदरलैंड ने मेजबानी कतर को हराकर और सेनेगल ने एक्वाडोर को हरा आगे सुपर 16 के मुकाबले के लिए क्वालीफाई कर लिया, वहीं कतर और एक्वाडोर को फीफा वर्ल्ड कप से बाहर होना पड़ा।