September 16, 2024
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ओलंपिक में 500 करोड़ खर्च करने पर मिले सिर्फ 6 मेडल, पैरालंपिक में 20 करोड़ में ही मिल गए 21 पदक

  • WRITTEN BY: Vaibhav Mishra
  • LAST UPDATED : September 4, 2024, 4:36 pm IST

नई दिल्ली: भारत के खिलाड़ियों ने पैरा-ओलंपिक खेलों में जिस तरह का प्रदर्शन किया है अभी तक 21 पदक भारत की झोली में आ चुके हैं. यह पदकों की संख्या उन खिलाड़ियों के मुंह पर करारा तमाचा है जो कहते रहे है कि उनको कोचिंग नहीं मिलती, सरकार उन पर खर्च नहीं करती और भारत में खेल सुविधाओ का अभाव है.

पैरा-ओलंपिक खिलाड़ियों को मिलेगा बराबर सम्मान?

पेरिस ओलंपिक में भारत के खिलाड़ियों ने मात्र 6 पदक जीते थे, इनमें एक सिल्वर और पांच ब्रांज मेडल शामिल है. 140 करोड़ के देश भारत में एक भी गोल्ड मेडल जीत पाने की क्षमता नहीं थी. इस पर भी देश वासियों ने खुशी मनाई और पदक विजेताओं का सम्मान भी किया. अब 21 पदक जीतने वाले पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों को किस तरह से देश की जनता सम्मान देती है यह देखना होगा.

पैरा ओलंपिक में वह खिलाड़ी भारत का नाम रोशन कर रहे है जिनके शरीर के सभी अंग नहीं हैं. किसी के हाथ नहीं हैं तो किसी के पैर नहीं हैं. कोई चल नहीं सकता तो कोई हाथों से लाचार है. इन सभी शारीरिक कमियों के बावजूद भारत सरकार का बजट पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों के लिए मात्र 20 करोड़ रुपए था. जबकि 6 पदक जीतने वाले शारीरिक रूप से पूरी तरह फिट खिलाड़ियों के लिए 500 करोड़ था.

दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ किया जाता है पक्षपात

बता दें कि सिर्फ सरकार ही दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ पक्षपात नहीं करती देश की जनता भी करती है. आज कितने लोग पैरा ओलंपिक खेलों को टीवी पर देख रहे हैं, कितने लोगो को पदक जीतने वाले पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों के नाम भी पता होंगे. इन विकलांग खिलाड़ियों ने एक बात तो साबित कर दी है कि जीतने के लिए पैसा,सुविधाएं,प्रशिक्षण से ज्यादा जरूरत जज्बे की होती है. देश की जनता को भी चाहिए कि देश के इन होनहार खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाकर इनको सैल्यूट करे, जिन्होंने देश का नाम ऊंचा किया है.

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