Fraud In Ranji Team Selection BCCI: रणजी ट्रॉफी में खेलने के लिए दिल्ली और गुरुग्राम के क्रिकेटर्स से घूस लेकर टीम में सिलेक्शन करने का मामला सामने आया है. इस मामले को संज्ञान में लेते हुए बीसीसीआई ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस इस मामले में राज्य क्रिकेट संघ के सदस्यों और कोच से पूछताछ कर रही है.
नई दिल्ली. रणजी ट्रॉफी में क्रिकेट खिलाड़ियों का रिश्वत लेकर चयन करने का मालमा सामने आया है. इस मामले में दिल्ली के तीन क्रिकेटर्स ने इस वादे के साथ 80 लाख रूपये रिश्वत में दिए कि उनका सिलेक्शन रणजी मैच खेलने के तीन राज्यों से किया जाएगा. इसके एवज में उन तीनों क्रिकेटर्स को फर्जी सिलेक्शन लेटर दिए गए. इस बात को संज्ञान में लेते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
ये धोखाधड़ी का केस बीसीसीसाई की क्षेत्रीय भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के मैनेजर अंशुमान उपाध्याय ने दर्ज कराया है. अंशुमान उपाध्याय ने कहा कि उन्हें रोहिणी के रहने वाले कनिष्क घोष और किशन अत्री इसके अलावा गुरुग्राम के रहने वाले शिवम शर्मा की ओर से तीन शिकायतें मिलीं. पुलिस के मुताबिक, इन तीनों क्रिकेटर्स ने अपनी शिकायत में कथित तौर पर आरोप लगाया कि रणजी ट्रॉफी में नागालैंड, मणिपुर और झारखंड की टीमों की ओर से खेलने के लिए 80 लाख रूपये की रिश्वत दी.
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एक सीनियर पुलिस अधिकारी के मुताबिक, कनिष्क गौर ने पुलिस को बताया कि पिछले साल एक क्रिकेट कोच ने उन्हें नागालैंड की रणजी टीम से गेस्ट प्लेयर के तौर पर खेलने का ऑफर दिया, इसके बाद कनिष्क गौर को नागालैंड क्रिकेट टीम के ऑफिशियल कोच से मिलने के लिए बुलाया गया जिसमें बोर्ड के अधिकारी भी शामिल थे. पुलिस अधिकारी के मुताबिक कनिष्क गौर से 5 मैचों के लिए 15 रूपये की मांग की गई.
अधिकारी के मुताबिक, कनिष्क के नागालैंड की अंडर 19 टीम की तरफ से दो मैच खेलने के बाद उन्हें मना कर दिया गया. जब कनिष्क ने इसके बारे में पूछना चाहा तो उन्हें बताया गया कि सिलेक्शन लेटर जाली है. पुलिस के मुताबिक इस मामले में करीब 11 लोगों सहित जिनमें कोच और राज्य क्रिकेट बोर्ड के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है.