England Vs Australia Ashes Series 2019: इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जाने वाली एशेज सीरीज 1 अगस्त 2019 यानी गुरुवार से शुरू हो गई है. एशेज सीरीज का पहला टेस्ट मैच दोनों टीमें के बीच बर्मिंघम के एजबेस्टन में खेला जा रहा है. मौजूदा समय में ऑस्ट्रेलिया एशेज चैम्पियन है. लेकिन खास बात ये हैं कि कंगारू टीम पिछले 18 वर्षों से इंग्लैंड की धरती पर एशेज सीरीज जीतने में नाकाम रही है. इंग्लिश टीम ने बीते दिनों क्रिकेट वर्ल्ड कप के दौरान जिस तरह प्रदर्शन किया उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि ऑस्ट्रेलिया की राह आसान नहीं होगी. एशेज सीरीज को जन्म देने का श्रेय ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज फ्रेड्रिक स्पोफोर्थ को दिया जाता है. साल 1882 में लंदन के ओवल मैदान पर खेले गए टेस्ट में उन्होंने अपनी शानदार बॉलिंग के जरिए अकेले दम इंग्लैंड को हरा दिया था. स्पोफोर्थ को दानव बॉलर के रूप में जाता है. उनके दानव बॉलर कहलाने की बड़ी ही दिलचस्प कहानी है.
नई दिल्ली. 28 अगस्त 1882 का दिन इंग्लैंड की धरती और लंदन के द ओवल ग्राउंड पर आयोजित होने वाला सिर्फ दूसरा टेस्ट मैच. ये दूसरा मौका था जब ऑस्ट्रेलिया की टीम इंग्लैंड के दौरे गई. इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए टेस्ट मैच में सिक्के ने ऑस्ट्रेलिया का साथ दिया और कंगारू कप्तान बिली मुर्डोक ने पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय किया. इंग्लैंड के लंबी-लंबी मूछे रखने वाले बाएं हाथ के स्पिनर टेड पीट और बाएं हाथ के ही तेज बॉलर डिक बर्लो के आगे कंगारू टीम ने घुटने टेक दिए. टेड पीट ने 4 और डेक बर्लो ने 5 विकेट लिए. इस तरह ऑस्ट्रेलिया की टीम पहली पारी में 80 ओवर्स में 63 रनों पर ऑल आउट हो गई. ऑस्ट्रेलिया के 7 बल्लेबाज दहाई के अंक तक भी नहीं पहुंचे. कंगारू कप्तान बिली मुर्डोक 13 रन, जेम्स ब्लैकहम 17 और टॉम गैरेट 10 रन बनाकर टॉप स्कोर रहे. ऑस्ट्रेलिया के कप्तान बिली मुर्डोक ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उनकी टीम इतने कम स्कोर पर आउट हो जाएगी. वह सिंतबर 1880 में ओवल पर इंग्लैंड के हाथों मिली हार का बदला लेना चाहते थे. 6 सितंबर 1880 को खेले गए टेस्ट मैच में इंग्लिश टीम ने कंगारुओं को इसी ओवल के मैदान पर 5 विकेट से हराया था.
खैर, इंग्लैंड की पहली पारी शुरू हुई. डब्ल्यू जी ग्रेस और डिक बर्लो ओपनिंग करने आए. ऑस्ट्रेलिया की तरफ से 6 फुट तीन इंच लंबे मीडियम पेसर फ्रेड्रिक स्पोफोर्थ और टॉम गैरेट ने गेंदबाजी की जिम्मेदारी संभाली. स्पोफोर्थ को उस दिन कुछ और ही मंजूर था. उन्होंने तूफानी बॉलिंग करते हुए इंग्लिश टीम की कमर तोड़ कर रख दी. स्पोफोर्थ ने इंग्लैंड के शुरुआत के तीन बल्लेबाज डिक बर्लो, डब्ल्यू जी ग्रेस और जॉर्ज यूलियट को आउट कर इंग्लैंड को बैकफुट पर धकेल दिया. स्पोफोर्थ ने 36.3 ओवर्स की बॉलिंग में इंग्लिश टीम के 7 विकेट झटके. उनके अलावा हैरी बोएल को 2 और टॉम गैरेट को एक विकेट मिला. इंग्लैंड की टीम जैसे तैसे पहली पारी में 71.3 ओवर की बैटिंग कर 101 रन बना पाई. इस तरह इंग्लैंड को पहली पारी के आधार पर 38 रनों की बढ़त मिली.
इसके बाद दूसरी पारी खेलने आई ऑस्ट्रेलियाई टीम की शुरुआत बेहतरीन हुई. सलामी बल्लेबाज चार्ल्स बेनरमैन और ह्यूग मैसी ने पहले विकेट के लिए 66 रन जोड़े. बेनरमैन 13 रन बनाकर आउट हुए वहीं ह्यूग मैसी ने 55 रन बनाए. इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज एक बार फिर इंग्लिश स्पिनर टेड पीट की गेंदों में उलझ गए. बाएं हाथ के स्पिनर पीट ने कंगारू टीम के मध्यक्रम को ठिकाने लगाते हुए दूसरी पारी में 4 विकेट लिए. उनके अलवा एलन स्टील को 2 जबकि बिली बानर्स और जॉर्ज यूलियट को 1-1 विकेट मिला. कंगारू टीम दूसरी पारी में 63 ओवर्स में 122 रन बनाकर ऑल आउट हो गई.
इंग्लैंड को टेस्ट मैच जीतने के लिए महज 85 रनों का टारगेट मिला. इंग्लिश कप्तान मॉन्की हार्नबी सहित पूरा खेमा खुश था कि ओवल में लगातार दूसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को मात दे देंगे. इंग्लैंड की दूसरी पारी का आगाज करने डब्ल्यू जी ग्रेस और खुद कप्तान मॉन्की हार्नबी आए. इंग्लैंड की शुरुआत ठीक नहीं रही. ऑस्ट्रेलिया के फ्रेड्रिक स्पोफोर्थ ने उसी अंदाज में बॉलिंग करना शुरू किया जहां उन्होंने पहली पारी में खत्म की थी. इंग्लैंड के 15 रनों के स्कोर पर 2 विकेट पवेलियन लौट गए. कप्तान हॉर्नबी 9 और डिक बर्लो बगैर खाता भी नहीं खोल पाए.
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ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज फ्रेड्रिक स्पोफोर्थ की रफ्तार एक बार फिर अंग्रेज बल्लेबाज समझने में नाकाम रहे. उन्होंने खौफनाक बॉलिंग करते हुए दूसरी पारी में 44 रन खर्च कर इंग्लैंड के 7 खिलाड़ियों को आउट किया. इन 7 विकेट में से स्पोफोर्थ ने 5 बल्लेबाजों को बोल्ड किया था. उनकी तूफानी बॉलिंग का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने अंतिम 11 ओवर्स में सिर्फ 2 रन देकर 4 खिलाड़ियों को पवेलियन की राह दिखाई. इसके बाद इंग्लैंड के लिए आसान लग रहा टारगेट मुश्किल हो गया. डब्ल्यू जी ग्रेस ने एक छोर पर जुझारू बल्लेबाजी करते हुए 32 रन बनाए जरूर लेकिन वह इंग्लैंड की जीत के लिए काफी नहीं थे. स्पोफोर्थ के अलावा हैरी बोएल ने दूसरी पारी में इंग्लिश टीम के 3 विकेट लिए. पूरी इंग्लिश टीम 55 ओवर में 77 रन बनाकर ऑल आउट हो गई. इस प्रकार इस टेस्ट मैच में इंग्लैंड को 7 रनों से हार का सामना करना पड़ा. इंग्लैंड की धरती पर कंगारुओं की ये पहली टेस्ट जीत थी.
ओवल टेस्ट मैच में 7 रनों से मिली हार इंग्लैंड के लिए किसी सदमे से कम नहीं थी. इंग्लैंड की इस शर्मनाक हार के बाद लंदन के एक युवा पत्रकार रेग्नाल्ड शर्ली ब्रूक्स ने अंग्रेजी अखबार स्पोर्टिंग टाइम में व्यंगात्मक शोक संदेश लिखा, ” हम सबके प्रिय क्रिकेट का निधन 29 अगस्त 1882 को को लंदन के ओवल मैदान पर हो गया है. उसके शरीर का दाह संस्कार किया जाएगा और जिसकी एशेज यानी राख को ऑस्ट्रेलिया ले जाया जाएगा.” इसी टेस्ट मैच के बाद से ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज का जन्म हुआ. द डेमॉन बॉलर (ऑस्ट्रेलिया का दानव बॉलर) ओवल टेस्ट में इंग्लैंड को हराने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका फ्रेड्रिक स्पोफोर्थ ने निभाई. उन्होंने इस टेस्ट मैच में 14 विकेट लिए थे. खास बात ये है कि इस टेस्ट मैच से पहले स्पोफोर्थ द डेमॉन बॉलर यानी दानव बॉलर के रूप में मशहूर हो चुके थे. फेड्रिक स्पोफोर्थ की दानव बॉलर कहलाने की बड़ी ही दिलचस्प कहानी है.
साल 1878 में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड का दौरा किया. इंग्लैंड के मशहूर मेरिलबोन क्रिकेट क्लब और ऑस्ट्रेलिया की टीम के बीच लॉर्ड्स के मैदान पर 27 मई 1878 को एक तीन दिवसीय मैच खेला गया. तीन दिनों तक खेला जाने वाला ये मैच महज एक दिन में ही समाप्त हो गया था. यही वो मैच था जिसमें फ्रेड्रिक स्पोफोर्थ का निकनेम द डेमॉन बॉलर पड़ा.
मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की. एमसीसी की ओर से पारी की शुरुआत करने मॉन्की हार्नबी और कप्तान डब्ल्यू जी ग्रेस आए. जब डब्ल्यू जी ग्रेस 4 रनों पर खेल रहे थे तो उसी समय एलन फ्रैंक की गेंद पर मिडविंटर ने ग्रेस का कैच लपककर उनको चलता किया. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के 191 सेंटीमीटर लंबे बॉलर फ्रेड्रिक स्पोफोर्थ ने इंग्लिश बल्लेबाजी को चरमराकर रख दिया. स्पोफोर्थ ने 5.3 ओवर में 3 मेडन रखते हुए महज 4 रन खर्च कर 6 खिलाड़ियों को आउट किया. बाद में रही सही कसर हैरी ब्वॉएल ने पूरी कर दी. ब्वॉएल ने 14 ओवर में 7 मेडन और 14 रन देकर 3 खिलाड़ियों को आउट किया. इस तरह एमसीसी पूरी टीम 33 रनों पर ऑल आउट हो गई. पहली पारी में एमसीसी के 6 बल्लेबाज अपना खाता भी नहीं खोल पाए.
पहली पारी में बैटिंग करने आए ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के खिलाफ इंग्लिश बॉलर्स के इरादे कुछ और थे. इंग्लैड के पेसर अल्फर्ड शॉ और फ्रेड मोर्ले ने मिलकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को नाकों चने चबवा दिए. कप्तान डेव ग्रेगोरी सहित टीम के 3 बल्लेबाज खाता नहीं खोल पाए. पूरी कंगारू टीम 41 रनों पर ढेर हो गई. एमसीसी की पहली पारी के आधार पर ऑस्ट्रेलिया को 8 रनों की बढ़त मिली. एमसीसी के बॉलर अल्फर्ड शॉ का उस मैच में बॉलिंग विश्लेषण 33.2 ओवर 25 मेडन 10 रन और 5 विकेट था। वहीं फ्रेड मोर्ले ने भी 33 ओवर में 25 मेडन रखते हुए 31 रन देकर 5 विकेट झटके थे.
एमसीसी के सामने दूसरी पारी में संभलकर खेलने और एक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखने की जिम्मेदारी थी. पहली पारी की तरह दूसरी पारी में भी मॉन्की हार्नबी और डब्ल्यू जी ग्रेस ओपनिंग करने आए. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान डेव ग्रेगोरी ने स्पोफोर्थ को गेंद थमाई. फ्रेड्रिक स्पोफोर्थ ने ओपनर डब्ल्यू जी ग्रेस को बगैर खाता खोले बोल्ड कर दिया. इतना ही नहीं मिडिल ऑर्डर में बैटिंग करने आए अलेक्जेंडर वेबबे को भी शून्य पर बोल्ड किया खरबूजे को देखकर खरबूजे ने रंग बदला और पेसर हैरी ब्वॉएल ने हॉर्नबी के स्टंप उखाड़ दिए. एक समय एमसीसी का स्कोर 1 रन पर 4 विकेट था. वहीं 17 रन पर एमसीसी के 7 विकेट पवेलियन लौट चुके थे. पहली पारी में 33 रन बनाने वाली एमसीसी की टीम दूसरी पारी में मात्र 19 रनों पर ढेर हो गई.
मेरिलबोन क्रिकेट क्लब की दूसरी पारी में फ्रेड स्पोफोर्थ ने 9 ओवर में 2 मेडन सहित 16 रन देकर 4 विकेट लिए थे। हैरी ब्वॉएल ने 8.1 ओवर में 6 मेडन और 3 रन देकर एमसीसी के 6 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई. कुल मिलाकर दूसरी पारी में एमसीसी के 9 क्रिकेटर बोल्ड हुए थे. स्पोफोर्थ ने सभी 4 खिलाड़ियों को बोल्ड किया था. जब वह मैदान पर एमसीसी के बल्लेबाजों को बोल्ड कर रहे थे तो उन्होंने 2 फुट हवा में उछलकर तीन बार बोल्ड, बोल्ड, बोल्ड कहा था. इसके बाद पवेलियन में प्रवेश करते हुए एक राक्षस की तरह हाव-भाव दिखाते हुए स्पोफोर्थ ने कहा था, क्या मैं दानव नहीं हूं, क्या मैं दानव नहीं हूं?
दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 12 रन 1 विकेट के नुकसान पर बनाकर इस मैच में 9 विकेट से एमसीसी पर जीत दर्ज की थी। इस प्रकार 3 दिनों तक होने वाला ये मैच केवल 1 दिन में समाप्त हो गया था. इस मैच को जिताने में फ्रेड्रिक स्पोफोर्थ का योगदान सबसे ज्यादा था उन्होंने इस मैच में एक ही दिन में कुल 10 विकेट लिए थे. एमसीसी की इस शर्मनाक हार पर क्लब के सदस्य और इंग्लैंड के क्रिकेटर आवाक रह गए. वे सब इस हार को पचा नहीं पा रहे थे। उनका कहना था कि एक बॉलर से इंग्लैंड के 11 खिलाड़ी हार गए.
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