विश्वनाथ आनंद पहली बार सन 2000 में ये कीर्तिमान हासिल किये थे और तब उनकी उम्र 31 साल थी, लेकिन डी गुकेश केवल 18 साल के उम्र में शतरंज विश्व विजेता बन गए.
नई दिल्ली : भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश ने शतरंज की दुनिया में एक नया इतिहास रच दिया है। 18 साल की उम्र में उन्होंने फीडे वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के फाइनल में जीत हासिल करके नए विश्व चैंपियन का खिताब अपने नाम कर लिया। इस ऐतिहासिक मुकाबले में उन्होंने गत विजेता डिंग लिरेन को 14वीं बाजी में हराया। काले मोहरों से खेलते हुए गुकेश ने 7.5-6.5 के अंतर से यह खिताब जीता और 2.5 मिलियन डॉलर (लगभग 21.21 करोड़ रुपए) की इनामी राशि प्राप्त की।
गुकेश इस खिताब को जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं और शतरंज की दुनिया में कई नई उपलब्धियां दर्ज कर ली हैं। वे विश्वनाथन आनंद के बाद विश्व चैंपियन बनने वाले भारत के दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं। इस जीत के साथ गुकेश ने भारत के महान खिलाड़ी आनंद के एलीट क्लब में अपनी जगह बनाई। विश्वनाथ आनंद पहली बार सन 2000 में ये कीर्तिमान हासिल किये थे और तब उनकी उम्र 31 साल थी, लेकिन डी गुकेश केवल 18 साल के उम्र में शतरंज विश्व विजेता बन गए. विश्वनाथन आनंद पांच बार के चैंपियन रह चुके हैं, उन्होंने 2000, 2007, 2008, 2010 और 2012 ये सफलता हासिल की थी. अब ये सवाल आने वाले सालो में बना रहेगा, क्या गुकेश चेस ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं ?
डी गुकेश ने सबसे कम उम्र में विश्व चैंपियन बनने का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है, जो पहले रूस के महान खिलाड़ी गैरी कास्पारोव के नाम था। कास्पारोव ने 1985 में 22 साल की उम्र में यह खिताब जीता था। इस साल की शुरुआत में गुकेश ने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतकर इस खिताब के लिए चुनौती पेश की थी.
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