नई दिल्ली। इंग्लैंड के बर्मिंघम में खेले जा रहे 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स में पाकिस्तान का पदको का सूखा खत्म हो गया है। पाकिस्तानी एथलीट्स अरशद नदीम ने जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में 90 मीटर से भी ज्यादा दूर भाला फेंक कर गोल्ड मेडल जीत लिया है। इसी के साथ 56 साल बाद पाकिस्तान के किसी एथलीट्स […]
नई दिल्ली। इंग्लैंड के बर्मिंघम में खेले जा रहे 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स में पाकिस्तान का पदको का सूखा खत्म हो गया है। पाकिस्तानी एथलीट्स अरशद नदीम ने जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में 90 मीटर से भी ज्यादा दूर भाला फेंक कर गोल्ड मेडल जीत लिया है। इसी के साथ 56 साल बाद पाकिस्तान के किसी एथलीट्स ने इस टूर्नामेंट में कोई पदक जीता है।
बर्मिंघम में खेले जा रहे 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स में पाकिस्तान के अरशद नदीम (Arshad Nadeem) ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने यहां जैवलिन थ्रो (Javelin Throw) प्रतियोगिता में पाकिस्तान के लिए गोल्ड मेडल जीत लिया है। बता दें कि कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में पाकिस्तान (Pakistan) को जैवलिन थ्रो में मिला यह पहला गोल्ड है। वहीं इसके साथ ही यह पिछले 56 साल में राष्ट्रमंडल खेल के एथलेटिक्स इवेंट में भी पाकिस्तान (Pakistan) का पहला पदक है। यहां एक खास बात यह भी है कि पाकिस्तानी एथलीट्स अरशद नदीम ने 90.18 मीटर दूर भाला फेंक कर गोल्ड जीता है। वहीं भारत के ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने आज तक एक बार भी 90 मीटर तक भाला नहीं फेंक सके हैं।
बता दें कि कॉमनवेल्थ गेम्स में पाकिस्तान पिछले 56 साल में एक बार भी एथलेटिक्स में मेडल हासिल नहीं कर पाया था। यहां एथलेटिक्स में अंतिम बार 1966 में पाकिस्तान को पदक मिला था। ऐसे में अरशम नदीम का यह मेडल पाकिस्तान (Pakistan) का कॉमनवेल्थ गेम्स एथलेटिक्स में पांच दशक के सूखे को खत्म करने वाला रहा। वहीं इसके साथ भाला फेंक (Javelin Throw) में तो यह कॉमनवेल्थ गेम्स में पहला पाकिस्तानी गोल्ड रहा।