नई दिल्ली। इंग्लैंड के बर्मिंघम में आयोजित हो रहे 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को अपना पहला गोल्डमेडल मिल गया है। इस गोल्ड मेडल के पीछे की वजह 49kg वेटलिफ्टिंग वर्ग में प्रतिस्पर्धा कर रही भारतीय खिलाड़ी मीराबाई चानू रहीं। उनको ये गोल्ड अपने नाम करने के लिए कुल 201 किलो का वजन उठाना पड़ा। […]
नई दिल्ली। इंग्लैंड के बर्मिंघम में आयोजित हो रहे 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को अपना पहला गोल्डमेडल मिल गया है। इस गोल्ड मेडल के पीछे की वजह 49kg वेटलिफ्टिंग वर्ग में प्रतिस्पर्धा कर रही भारतीय खिलाड़ी मीराबाई चानू रहीं। उनको ये गोल्ड अपने नाम करने के लिए कुल 201 किलो का वजन उठाना पड़ा। इन्होंने पिछले बार हुए 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल वेट लिफ्टिंग में की प्रतियोगितामें अपने नाम किया था।
मीराबाई चानू ने भारत को पहला गोल्ड दिला कर इतिहास रच दिया है। कॉमनवेल्थ शुरु होने के दूसरे दिन ही इस भारतीय स्टार वेटलिफ्टर ने भारत को अपना पहला गोल्ड दिलाया। बता दें कि मीराबाई चानू ने 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी अपने नाम गोल्ड मेडल किया था। जिसके कारण उनसे भारतवासियों की उम्मीदें थी। जिसपर वो खरा उतरी। गोल्ड जीतने के लिए मीरा को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। वो 49kg वर्ग में फाईट कर रही थी। उन्होंने इस वर्ग में सबसे ज्यादा 201 किलो का भार उठा कर स्वर्ण पदक को अपने नाम किया और को पहला गोल्ड दिलाया।
बता दें कि चानू ने 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किग्रा के वर्ग कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता था। और 2018 गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ टूर्नामेंट में विश्व कीर्तिमान रचते हुए गोल्ड मेडल जीता था। मीराबाई चानू की सबसे बड़ी उपलब्धि अनाहाइम, संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित हुई वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतना था। चानू ने 2021 के ओलंपिक में 49 किग्रा वेटलिफ्टिंग में इंडिया के लिए पहला सिल्वर मेडल जीता। उनेक द्वारा स्नैच में 87 kg भार उठाते हुए,क्लीन एंड जर्क में 115 kg सहित कुल 202 किलोग्राम वजन उठा कर रजत पदक पर अपना कब्जा किया था।
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