नई दिल्ली: राष्ट्रमंडल खेलों में भारत अब तक कुल दस पदक जीत चुका है। बर्मिंघम में जारी 22वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की महिला लॉन बॉल टीम ने इतिहास रचते हुए ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीत लिया है। फाइनल मुकाबले में भारतीय चौकड़ी ने साउथ अफ्रीका को 17-10 से हराकर गोल्ड मेडल भारत की झोली में […]
नई दिल्ली: राष्ट्रमंडल खेलों में भारत अब तक कुल दस पदक जीत चुका है। बर्मिंघम में जारी 22वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की महिला लॉन बॉल टीम ने इतिहास रचते हुए ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीत लिया है। फाइनल मुकाबले में भारतीय चौकड़ी ने साउथ अफ्रीका को 17-10 से हराकर गोल्ड मेडल भारत की झोली में डाला है।
महिलाओं के लॉन बॉल फाइनल के एंड 12 में दक्षिण अफ्रीका ने दो अंक हासिल कर स्कोर को 10-10 की बराबरी पर पहुंचा दिया था। इसके बाद भारतीय महिलाओं ने एंड 13 में शानदार वापसी की और मैच दो अंकों की बढ़त फिर से हासिल कर ली थी। फिर स्कोर 12-10 हो गया और भारतीय टीम इस तरह लीड पर रही थी।
भारतीय महिला टीम ने लॉन बॉल के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पांच अंकों की बढ़त हासिल कर ली थी। 14वें एंड में टीम को पांच अंक मिले। इस तरह भारत 15-10 से आगे होकर स्वर्ण पदक जीतने के करीब पहुंच गए थे।
बर्मिंघम में जारी 22वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की महिला लॉन बॉल टीम ने इतिहास रचते हुए ऐतिहासिक स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है। फाइनल मुकाबले में भारतीय चौकड़ी ने साउथ अफ्रीका को 17-10 से हराकर गोल्ड मेडल भारत की झोली में डाला।
इस गेम को खेलने के लिये जो सबसे जरूरी चीज़ है वो है गेंद। यह एक आउटडोर खेल होता है जिसमें घास के मैदान पर कुछ गेंदे रखी जाती हैं और खिलाड़ियों को बारी-बारी से एक निश्चित दूरी से अपनी गेंद को उस बॉल के पास पहुंचाने की कोशिश करनी होती है।वहीं, जिस गेंद पर निशाना लगाया जाता है उसे जैक कहते हैं, और खेल में जैक और खिलाड़ियों के बीच की दूरी को मैच शुरू होने के बाद तय किया जाता है। यह दूरी जैक को फेंकने से तय होती है, और इसमें फेंकने वाली टीम का चयन टॉस से होता है। टॉस हारने वाली टीम जैक को फेंकती है और फिर किस दूरी से गेंद फेंकना है उसका पता चल जाता है।
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