CWG 2018: मैरी कॉम की कोशिश 48 किग्रा में अपने इस कॉमनवेल्थ गेम्स को यादगार बनाने की होगी. एशियन गेम्स में कांस्य पदक विजेता सतीश कुमार भी 91 किलोग्राम वर्ग में पदक के दावेदार है, वहं ग्लोस्को कॉमनवेल्थ में कांस्य पदक जीतने वाली पिंकी जंगरा 51 किलोग्राम वर्ग में पदक जीत सकती है
गोल्ड कोस्टः कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत 4 अप्रैल से ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में होने जा रहा हैं. इसके लिए विश्व भर के हजारों एथलीट कमर कस के तैयार हो चुके हैं. भारत के भी 227 एथलीट पदकों पर दांव लगाने के लिए खेल गांव में पहुंच चुके हैं. मुक्केबाजी में भी भारत को पदक उम्मीद है और सबसे ज्यादा उम्मीद 5 बार की वर्ल्ड चैंपियन एमसी मैरी कॉम से उम्मीद होगी. मैरी कॉम कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए क्वालिफाई करने से चूक गई थीं, लेकिन इस समय वह अपनी फॉर्म में हैं और उनकी मौजूदगी से टीम को मजबूती भी मिली है.
अपना पहला और शायद आखिरी कॉमनवेल्थ गेम्स खेल रही मैरीकॉम को इससे अच्छा मौका मिल भी नहीं सकता क्योंकि उन्हें पदक जीतने के लिए सिर्फ एक बॉउट जीतने की जरुरत है. क्वार्टर फाइनल में मैरीकॉम को स्कॉटलैंड की मेगन गोर्डन से भिड़ना है अगर वह उनसे मुकाबला जीत जाती है तो तो ये पक्का हो जाएगा कि वह गोल्ड कोस्ट से खाली हाथ नहीं लौटेंगी.
लंदन ओलिंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट मैरी कॉम का यह पहला कॉमनवेल्थ गेम्स है. इन खेलों में महिला बॉक्सिंग 2014 ग्लास्गो में शामिल हुई थी, लेकिन उस समय क्वालिफाइंग मुकाबले में पिंकी रानी ने उन्हें हरा दिया था. मैरी कॉम की कोशिश 48 किग्रा में अपने इस कॉमनवेल्थ गेम्स को यादगार बनाने की होगी. वहीं ग्लास्गो की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट पिंकी रानी 51 किग्रा भार वर्ग में अपने मेडल का रंग बदलने के लिए उतरेंगी. हाल ही दिल्ली में हुए इंडिया ओपन बॉक्सिंग टूर्नामेंट में पिंकी ने गोल्ड जीतकर अपनी तैयारियों की झलक दिखाई थी.
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