Commonwealth Games 2018: वेटलिफ्टिंग में भारत को गोल्ड दिलाने वाली संजीता चानू को उम्मीद, मिलेगा अर्जुन अवॉर्ड!

भारत का दुनिया भर में नाम रोशन करने के बाद संजीता चानू के मन में पिछले साल योग्यता होने के बावजूद भी अर्जुन अवॉर्ड नहीं मिलने को लेकर दिल में कसक है.

Advertisement
Commonwealth Games 2018: वेटलिफ्टिंग में भारत को गोल्ड दिलाने वाली संजीता चानू को उम्मीद, मिलेगा अर्जुन अवॉर्ड!

Aanchal Pandey

  • April 7, 2018 12:39 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में मेडल जीताकर देश की बेटी संजीता चानू ने भारत का मान बढ़ाया. भारत का दुनिया भर में नाम रोशन करने के बाद संजीता चानू के मन में पिछले साल योग्यता होने के बावजूद भी अर्जुन अवॉर्ड नहीं मिलने को लेकर दिल में कसक है. मीडिया रिपोर्ट् के मुताबिक, संजीता ने कहा कि उन्हें अब तक समझ में नहीं आता है कि योग्यता के बाद भी मुझे अर्जुन अवॉर्ड क्यों नहीं दिया गया. कई मेडल जीत चुकी संजीता 2017 में उस समय भी सुर्ख़ियों में आई थीं जब अर्जुन पुरस्कार पाने वालों की सूची में उनका नाम शामिल नहीं था. इसके बाद उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अर्जुन अवॉर्ड तो संजीता को नहीं मिला लेकिन उन्होंने अपना जवाब पिछले साल कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 53 किलोवर्ग में गोल्ड मेडल जीतकर दिया. संजीता का कहना है कि शायद यह गोल्ड इस बार उन्हें जरूर यह अवॉर्ड दिला देगा.

संजीता चानू ने वेट लिफ्टिंग में गोल्ड जीता है. कॉमनवेल्थ गेम के दूसरे दिन भारतीय वेटलिफ्टर संजीता चानू ने महिलाओं के 53 किलो भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीता. संजीता ने कुल 192 किलो भार उठा कर यह उपलब्धि हासिल की. यह संजीता का लगातार दूसरे राष्टमंडल खेलों में दूसरा पदक है. पिछली बार ग्लासगो में उन्होंने 48 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था. संजीता मणिपुर की हैं. सबसे दिलचस्प बात ये है कि मीराबाई की तरह संजीता की भी आदर्श कुंजारानी देवी ही हैं. भारतीय रेलवे की कर्मचारी 24 वर्षीय संजीता चानू स्वभाव से शर्मीली बताई जाती हैं, लेकिन जब वो मैदान पर उतरती हैं तो उनका दूसरा ही रूप नजर आता है. 20 साल की उम्र में संजीता ने 48 किग्रा वर्ग में 173 किग्रा वजन उठाकर ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था. संजीता ने जब ग्लास्गो में गोल्ड मेडल जीता था, तब मीराबाई चानू को सिल्वर से संतोष करना पड़ा था. वो पहले 48 किग्रा वर्ग में खेलती थीं, लेकिन अब 53 किग्रा वर्ग में हिस्सा लेने लगी हैं. हालांकि निजी स्तर पर संजीता अपने जीवन में कई उतार चढ़ाव देख चुकी हैं.

Commonwealth Games 2018: चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के साथ भारतीय पुरुष हॉकी टीम का पहला मैच ड्रॉ

Commonwealth Games 2018: सतीश शिवलंगम के पिता भी रह चुके हैं वेटलिफ्टर, खुद हैं रेलवे में क्लर्क

Tags

Advertisement