भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की क्रिकेट प्रशासकीय कमेटी गुरुवार को आईसीसी के साथ बैठक करेगी. इस बैठक में सीओए आईसीसी से उस देश को क्रिकेट से बहिष्कार करने पर चर्च करेगी जहां आतंकवाद फैला हुआ है.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित बीसीसीआई की क्रिकेट प्रशासकों की कमेटी (CoA) 7 मार्च (गुरुवार) को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल के साथ बैठक करेगी. इस बैठक में सीओए आईसीसी से उस देश का बहिष्कार करने करने पर चर्चा करेगी जहां पर आतंकवाद फल-फूल रहा है. ये जानकारी सूत्रों के हवाले से दी गई है. सीओए और आईसीसी के बीच होनी वाली इस बैठक में सीधे तौर पर इशारा पाकिस्तान की तरफ है. आतंकवाद के मुद्दे को लेकर क्रिकेट प्रशासकों की कमेटी पाकिस्तान को क्रिकेट से अगल-थलग करने की कोशिश करेगी.
14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले के चलते भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में दरार आ गई है. इस आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे. पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा ने पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी.
https://youtu.be/_Ii-1K8919A
Sources: Meeting of BCCI's Committee of Administrators (COA) is scheduled to be held on 7th March, to discuss International Cricket Council's (ICC) stand 'boycotting any country emanating terror is not in its hands'.
— ANI (@ANI) March 4, 2019
सूत्रों के मुताबिक इसी बैठक में ये भी सुनिश्चित होगा कि भारत क्रिकेट विश्व कप 2019 में पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलेगा या नहीं. क्रिकेट विश्व कप 2019 में मैनचेस्टर में भारत और पाकिस्तान के बीच 16 जून को मुकाबला होना है.
हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले इस मुकाबले को लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल अपना रुख पहले ही साफ कर चकी है. आईसीसी का कहना है कि विश्व कप के शेड्यूल में किसी तरह का परिवर्तन नहीं होगा.
आईसीसी ने ये कहा था कि 2019 क्रिकेट विश्व कप में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले जाने वाले मैच को लेकर जो अटकलें लगाई जा रही हैं बातचीत के जरिए इस मुद्दे को हल किया जाएगा.
पुलवामा आतंकी हमले के बाद से पूरे देश में ये मांग लगातार उठ रही है कि भारत को पाकिस्तान के साथ विश्व कप में मैच नहीं खेलना चाहिए. वहीं कई पूर्व क्रिकेटर्स सहित राज नेताओं का कहना है कि भारत को पाकिस्तान के साथ तब तक किसी भी खेल में भाग नहीं लेना चाहिए जब तक वह भारत के खिलाफ प्रयोजित आतंकवाद बंद नहीं कर देता.