नई दिल्ली. साल 2017 में दुनिया के कई दिग्गजों ने अपने करियर को विराम दिया. टेनिस कोर्ट से लेकर क्रिकेट के मैदान तक और ट्रैक से लेकर बॉक्सिंग रिंग तक दिग्गजों ने खेल को अलविदा कहा. तो आपको बताते हैं कि कौन कौन-से खिलाड़ियों ने अपने शानदार करियर को गुड बाय कर दिया. दुनिया के सबसे तेज धावक यूसैन बोल्ट, अमेरिका के मोहम्मद फराह, महान मुक्केबाज मेवेदर, स्विट्जरलैंड की टेनिस स्टार मार्टिना हिंगिस, भारत के तेज गेंदबाज आशीष नेहरा, पाकिस्तान के तीन महान खिलाड़ी शाहिद अफरीदी, मिस्बाह उल हक और यूनुस खान ने अपने करियर का समापन किया.
यूसैन बोल्ट
इस साल दुनिया के सबसे तेज धावक यूसैन बोल्ट ने अपने स्वर्णिम करियर को विराम दे दिया. बोल्ट ने लंदन में आइएएएफ विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में इस महान एथलीट ने अपने करियर का अंत किया. बोल्ट ने पहली बार 2008 बीजिंग ओलिंपिक में 100, 200 मीटर दौड़ और 4 गुणा 100 मीटर रिले में गोल्ड अपने नाम किया था. बोल्ट ने लंदन में ही नहीं, बल्कि 2016 रियो डि जेनेरियो में भी ऐसा कर दिखाया. वह लगातार तीन ओलिंपिक में ट्रिपल-ट्रिपल यानी लगातार तीन-तीन गोल्ड मेडल जीतने का सपना पूरा करने में भी सफल रहे. हालांकि बाद में उनका बीजिंग का चार गुणा, सौ मीटर रिले का गोल्ड एक साथी एथलीट के डोप में पकड़े जाने पर छिन गया. विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी वह 11 गोल्ड जीत चुके हैं. अपनी आखिरी रेस में बोल्ट को हार का सामना पड़ा. लेकिन बेशक वह ट्रैक के बादशाह रहेंगे.
मोहम्मद फराह
लंंबी दूरी के गोल्डन एथलीट मो फराह ने भी लंदन में आईएसएफ विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपने एतिहासिक करियर का समापन कर दिया. अपने आखिरी टूर्नामेंट में उन्होंने 10000 मीटर में गोल्ड मेडल हासिल किया, लेकिन 5000 मीटर में वह चूक गए. उन्होंने कभी खुद को महान नहीं माना. लेकिन उनके रिकॉर्ड उन्हें महान साबित करने के लिए काफी है. फिनलैंड के लासे विरेन अकेले ऐसे एथलीट हैं, जिन्होंने मो फराह से पहले ओलिंपिक में डबल डबल किया है. मो फराह ने दो बार 2012 और 2016 में 10000 मीटर और 5000 मीटर में डबल गोल्ड अपने नाम किए.
मार्टिना हिगिंस
तीसरी बार हिंगिस ने कहा अलविदा पूर्व नंबर वन स्विस टेनिस स्टार मार्टिना हिंगिस ने अक्टूबर में तीसरी और आखिरी बार इस साल अपने संन्यास की घोषणा कर दी. 37 साल की स्विस खिलाड़ी इससे पहले दो बार संन्यास ले चुकी थीं. 2007 में कोकीन के लिए किए गए टेस्ट में पॉजीटिव पाए जाने के बाद उन्होंने खेल छोड़ने की घोषणा की थी. सिंगापुर में डब्ल्यूटीए फाइनल्स उनका अंतिम टूर्नामेंट साबित हुआ. 15 साल की उम्र में ग्रैंड स्लैम जीतने के बाद हिंगिस ने 1997 में सभी चारों ग्रैंड स्लैम अपने नाम कर करियर स्लैम के साथ रिकॉर्ड बनाया था. हिंगिस सबसे कम उम्र में नंबर वन बनने वाली महिला खिलाड़ी भी बनी थी. अपने करियर में हिंगिस ने कुल सात सिंगल्स ग्रैंड स्लैम जीते. जबकि 13 बार डबल्स में बाजी मारी. वापसी के बाद मिक्स्ड डबल्स में भी हिंगिस का जलवा रहा और उन्होंने कुल सात ग्रैंड स्लैम अपने नाम किए.
फ्लॉयड मेवेदर
जीत के साथ रिंग छोड़ा मेवेदर ने फ्लॉयड मेवेदर भी उन दिग्गजों में से रहे, जिन्होंने इस साल अपने करियर को अलविदा कह दिया. अगस्त महीने में अपने आखिरी और साल के सबसे बड़े मुकाबले में 29 साल के आइरिश कोनॉर मैक्ग्रेगोर को हराकर उन्होंने 50वीं जीत हासिल की. हाई प्रोफाइल मुकाबले का रिजल्ट 10 राउंड में निकला. इतिहास की ये सबसे महंगी फाइट लास वेगास के टी-मोबाइल एरीना में खेली गई. 5 बार के वर्ल्ड चैंपियन मेवेदर ने इस जीत के साथ ही प्रोफेशनल बॉक्सिंग से अपने संन्यास की घोषणा की थी.
आशीष नेहरा
भारतीय क्रिकेटर टीम में नेहराजी के नाम से मशहूर आशीष नेहरा ने भी इस साल सभी प्रारुप से संन्यास ले लिया. नेहरा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ नंवबर में अपने घरेलू मैदान फिरोजशाह कोटला पर अपना आखिरी मैच खेला. मोहम्मद अजहरुद्दीन के नेतृत्व में 1999 में भारत की ओर से अपना पहला मैच खेलने वाले नेहरा ने 17 टेस्ट, 120 वनडे और 27 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं. उन्होंने टेस्ट मैचों में 44, वनडे में 157 वनडे और टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 34 विकेट लिए है. ‘कम बैक किंग’ नाम से मशहूर नेहरा ने पूरे करियर में कुल 12 सर्जरी कराईं, लेकिन उसके बावजूद वह अपनी मेहनत और जुनून की बदौलत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में करीब 19 साल टिके रहे.
शाहिद अफरीदी
साल 2017 में आखिरकार पाकिस्तान के स्टार ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी ने भी आखिरी बार संन्यास की घोषणा की. आखिरी बार हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इससे पहले भी वह 3 बार संन्यास की घोषणा कर फिर से मैदान में लौट आए थे. शाहिद अफरीदी के 21 साल लंबे इंटरनेशनल क्रिकेट पर विराम लग गया. अफरीदी की गिनती लंबे और तेज तर्रार शॉट्स खेलने वाले बल्लेबाजों में होती है. अफरीदी टेस्ट क्रिकेट से पहले ही संन्यास ले चुके थे. अफरीदी ने 1996 में अपने दूसरे ही मैच में 37 गेंदों पर शतक जमाकर दुनिया को अपना मुरीद बना लिया था. एकदिवसीय मैचों में ये एक ऐसा रिकॉर्ड था, जो 17 साल बाद टूटा. शाहिद ने 27 टेस्ट मैचों में 1176 रन बनाए और 48 विकेट लिए. 398 वनडे मैचों में 8064 रन के साथ उन्होंने 395 विकेट हासिल किए.
यूनुस खान
पाकिस्तान के सबसे सफल बल्लेबाजों में शुमार यूनुस खान ने भी इस साल अपने करियर को अलविदा कह दिया. 17 साल के करियर में यूनुस ने 118 टेस्ट मैचों में 10 हजार से ज्यादा रन बनाए. यूनुस टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार बनाने वाले पहले और अब तक इकलौते बल्लेबाज है. वनडे में भी उन्होंने 7 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं
मिस्बाह उल हक
इस खिलाड़ी का नाम सुनते ही आपको साल 2007 टी20 वर्ल्डकप में जोगिंदर शर्मा की गेंद पर खेला गया स्कूप शॉट याद आता होगा. उस शॉट पर मिस्बाह आउट हुए थे और भारत ने पहला टी20 खिताब अपने नाम किया था. हालांकि मिस्बाह पाकिस्तान के सबसे सफल कप्तानों में भी शुमार है. बल्ले के साथ भी उन्होंने टेस्ट और वनडे में 5 हजार से ज्यादा रन बनाए.
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