नई दिल्ली: क्रिकेट के इतिहास में ऐसे बहुत खिलाड़ी हुए हैं, जिन्होंने फील्ड पर खेलते हुए ही नहीं बल्कि फील्ड के बाहर भी समय-समय पर अपनी हिम्मत से खुद को साबित किया है. इतना ही नहीं यह दर्शाया है कि परिस्थिति कैसी भी हो इंसान अगर ठान ले तो कुछ भी असंभव नहीं है. आज हम बात करेंगे उन क्रिकेटर्स की जिन्होंने मौत के मुंह से क्रिकेट के मैदान पर वापसी करी है.
टीम इंडिया ने 2011 का वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया था.भारतीय टीम को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में युवराज सिंह का महत्वपुर्ण योगदान था. अगर ऐसा कहें की इस इकलौते खिलाड़ी ने अकेले दम पर टीम को फाइनल में पहुंचाया और उसके बाद फाइनल में हमने फाइनल जीता भी तो ऐसा कहना गलत नहीं होगा. यहीं नहीं युवराज ने गेंद और बल्ले दोनों के साथ ही शानदार प्रदर्शन किया था.उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार से भी नवाजा गया था.कुछ ही दिनों बाद खबर सामने आई कि भयंकर कैंसर से जूझ रहे युवराज क्रिकेट विश्व कप के दौरान खून की उल्टियां करते थे . जिसके बाद यह मान लिया गया था कि युवराज का करियर खत्म है, लेकिन इस बंदे ने हार नहीं मानी अपने कैंसर का इलाज करवाया और मैदान पर वापसी कर अपनी दमदार स्पीरिट उदाहरण पेश किया. युवराज ने कैंसर को मात देकर आईपीएल और टीम इंडिया दोनों के लिए काफी समय तक खेला.
वेस्टइंडीज के ताबड़तोड़ बल्लेबाज निकोलस पूरन का साल 2015 में एक खतरनाक एक्सीडेंट हो गया था.उस एक्सीडेंट के बाद निकोलस पूरन के दोनों पैरों में बुरी तरह से चोट आई थी या फिर ये मानें वे पूरी तरह खराब हो गए थे.उस वक्त पूरन अपने करियर के शूरूआती दिनों में थे उनकी उम्र महज 19 साल थी. इस एक्सीडेंट के बाद डाक्टर कुछ कहने तक स्तिथ में नहीं थे.उस वक्त यह कहना भी आसान नहीं था कि पूरन वापिस कभी जिंदगी में क्रिकेट भी खेल पाएंगे या नहीं.उन्होंने काफी दिन व्हीलचेयर पर बिताया था हालांकि उसके कुछ समय बाद ही पूरन ने दमदार वापसी की, जिसके बाद ये कभी लगा ही नहीं फैंस को कि उनका एक्सीडेंट भी हुआ था.
साल 2023 की शूरूआत में ही भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के साथ बहुत ही भयावह हादसा हुआ था. जब वे अपनी कार से अपने घर को लौट रहे थे तभी उनकी कार मर्सीडीज डिबायडर से जा टकराई थी और वो आग की चपेट में आ गई थी. हालांकि उसके बाद उन्हें हास्पिटल ले जाया गया. जिसके बाद उनकी जान तो बच गई लेकिन वे वापिस क्रिकेट खेलने के हालत में नहीं थे. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कुछ ही दिन बाद क्रिकेट के मैदान पर वापसी कर अपने अंदर की प्रतिभा दिखाई.
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