Big Bash League: आज वस्तुस्थिति यह है कि इन तमाम लीगों में भारतीय खिलाड़ियों की ज़बर्दस्त मांग रही है। समय समय पर कमेंटेटर्स से लेकर तमाम क्रिकेट प्रेमी यह मानते आए हैं कि भारतीय क्रिकेटर्स इन लीगों में स्टार साबित हो सकते हैं। शायद यही वजह है कि अब भारत में तमाम ऐसे खिलाड़ी जिनकी टीम इंडिया में वापसी की उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं, वे इन लीगों का हिस्सा बन सकते हैं।
बीसीसीआई के एक नियम के अनुसार भारत की महिला क्रिकेटर ही विदेश में होने वाली लीग में भाग ले सकती हैं लेकिन पुरुष खिलाड़ियों के लिए इन लीगों के रास्ते बंद हैं। उन्हें इस लीग में भाग लेने के लिए पहले इंटरनैशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान करना होगा। ऐसा करके उन्हें बोर्ड से एनओसी की भी ज़रूरत नहीं होगी।
आज वस्तुस्थिति यह है कि इन तमाम लीगों में भारतीय खिलाड़ियों की ज़बर्दस्त मांग रही है। समय समय पर कमेंटेटर्स से लेकर तमाम क्रिकेट प्रेमी यह मानते आए हैं कि भारतीय क्रिकेटर्स इन लीगों में स्टार साबित हो सकते हैं। शायद यही वजह है कि अब भारत में तमाम ऐसे खिलाड़ी जिनकी टीम इंडिया में वापसी की उम्मीदें खत्म हो चुकी हैं, वे इन लीगों का हिस्सा बन सकते हैं। इसीलिए पिछले दो वर्षों में काफी संख्या में क्रिकेटरों ने रिटायरमेंट का ऐलान किया। युवराज सिंह तो ग्लोबल टी-20 लीग में खेलने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी भी हैं। हालांकि वो रिटायरमेंट के बाद इस लीग में खेलने के लिए पहुंचे थे लेकिन उन्होंने इसके बावजूद बीसीसीआई से इस लीग के लिए एनओसी ली। अगर सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की खबर पर यकीन किया जाए तो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया युवी के लिए एक टीम तलाश रहा है। यानी कुआं प्यासे के पास चलकर आ रहा है। वैसे अभी तक बीबीएल में किसी भारतीय पुरुष खिलाड़ी ने भाग नहीं लिया है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया बीसीसीआई के उस नियम से वाकिफ है कि कोई भी भारत का सक्रिय क्रिकेटर विदेशी लीग में भाग नहीं ले सकता।
युवराज सिंह के मैनेजर जेसन वॉर्न ने भी इस आशय की पुष्टि कर दी है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया बीबीएल की एक ऐसी फ्रेंचाइजी की तलाश कर रही है, जो भारतीय ऑलराउंडर में दिलचस्पी रखती हो। वार्न ने कहा है कि हम सीए के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और एक टीम खोज रहे हैं। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सिगनल के बाद अगर बिग बैश लीग की कोई फ्रेंचाइज़ी युवराज सिंह को अपनी टीम में शामिल करना चाहती है तो युवराज इस बारे में बड़ा ऐलान कर सकते हैं। यह लीग तीन दिसम्बर से शुरू हो रही है। वर्ल्ड कप 2011 में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रह चुके युवराज सिंह ने अपना आखिरी मैच साल 2017 में खेला था। उन्हें स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में छह छक्कों के लिए भी याद किया जाता है।
इससे पहले वीरेंद्र सहवाग और ज़हीर खान को यूएई में टी-10 लीग में खेलने की इसलिए अनुमति मिल गई थी क्योंकि उन्होंने इंटरनैशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया था। पिछले महीने इरफान पठान को उनकी रिटायरमेंट के बाद ही कैरेबियन प्रीमियर लीग के ड्राफ्ट में शामिल किया गया था लेकिन उन्हें बीसीसीआई ने अनुमति नहीं दी क्योंकि वह सक्रिय रूप से फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हैं। इसी तरह बोर्ड ने यूसुफ पठान को दो साल पहले हांगकांग टी-20 लीग में भाग लेने की अनुमति नहीं दी थी।
लेग स्पिनर प्रवीण ताम्बे भी इन दिनों कैरेबियन प्रीमियर लीग में खेल रहे हैं। वह आईपीएल में केकेआर से खेलते थे और शाहरुख खान ने ही ट्रिनबागो नाइटराइडर्स की अपनी टीम की ओर से प्रवीण ताम्बे को खिलाया। इतना ही नहीं, जब महेंद्र सिंह धोनी ने इंटरनैशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान किया तो कई विदेशी लीगों की उम्मीदें जग गईं। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व लेग स्पिनर शेन वॉर्न ने तो इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड की लीग – द हंडर्ड में उस टीम से उनके खेलने की पेशकश कर डाली जिस टीम से वह खुद जुड़े हुए थे।