BCCI Ombudsman on Sachin Tendulkar, VVS Laxman: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के लोकपाल डीके जैन ने सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्ण को नोटिस भेजा है. बीसीसीआई लोकपाल ने हितों के टकराव के चलते इन दोनों खिलाड़ियों को नोटिस भेजा है. मौजूदा समय में सचिन मुंबई इंडियंस और लक्ष्मण सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटोर है. इसके अलावा टीम इंडिया के यो दोनों पूर्व खिलाड़ी क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य हैं. बीसीसीआई नियमों के मुताबिक एक व्यक्ति दो पदों पर नहीं रह सकता है.
नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट कंट्रोस बोर्ड (BCCI) के लोकपाल और नैतिक अधिकारी डीके जैन ने पूर्व भारतीय कप्तान और स्टार बल्लेबाज रहे सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण को को नोटिस भेजा है. बीसीसीआई लोकपाल ने सचिन और लक्ष्मण को आईपीएल फ्रेंचाइजी का मेंटोर होने और क्रिकेट सलाहकार समित (Cricket Advisory Committee) का सदस्य होने के चलते हितों का टकराव माना है. मौजूदा समय में सचिन तेंदुलकर आईपीएल फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियंस और वीवीएस लक्ष्मण सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटोर हैं. बीसीसीआई में ये पहले से ही नियम है कि कोई भी व्यक्ति एक साथ दो पदों पर नहीं रह सकता.
बीसीसीआई लोकपाल की तरफ से सचिन तेंदुलकर और वीवीएल लक्ष्मण को 24 अप्रैल (बुधवार) को नोटिस भेजा. बुधवार को ही सचिन तेंदुलकर का बर्थडे था. वैसे कुल मिलाकर देखा जाए तो ये हितों के टकराव का तीसरा मामला है.
इससे पहले बीसीसीआई लोकपाल डीके जैन ने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को भी हितों के टकराव के चलते नोटिस भेज चुके हैं. सौरव गांगुली को क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) के अध्यक्ष, क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) के सदस्य और आईपीएल फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स के सलाहकार हैं. इन तीनों पदों पर सौरव गांगुली को अपनी भूमिका निभाने के लिए रिटारयर्ड जज जैन के सामने सुनवाई के लिए पेश होना पड़ा था.
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साल 2017 में जब भारतीय क्रिकेट टीम के लिए रवि शास्त्री को कोच के तौर पर चयन किया गया था तो उस समय सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, और वीवीएस लक्ष्मण क्रिकेट सलाहकार समिति सदस्य थे. ये तीनों खिलाड़ी उस बैठक में शामिल भी रहे.
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बीसीसीआई लोकपाल न्यायामूर्ति डीके जैन ने सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण को 28 अप्रैल तक इन आरोपों पर लिखित जवाब देने का समय दिया है. इसके अलावा उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से भी इस मामले पर रुख साफ करने को कहा है. लोकपाल का कहना है कि अगर सचिन और लक्ष्मण दिए गये वक्त पर जवाब नहीं दे पाए तो उन्हें दूसरा मौका नहीं दिया जाएगा. बता दें कि सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण के खिलाफ ये शिकायत मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के सदस्य संजीव गुप्ता ने की है.