रिपोर्ट के मुताबिक, टारगेट पूरा न करने पर जैसा किसी सेल्समैन के साथ होता है, वैसा ही भारतीय खिलाड़ियों के साथ भी हो सकता है. अगर कोई खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं करेगा तो उसकी सैलरी में कटौती कर दी जाएगी. किसी भी कार्यालय में कर्मचारियों के साथ बिल्कुल ऐसा ही होता है.
नई दिल्ली: भारतीय टीम ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 खेली. 5 मैचों की सीरीज में टीम इंडिया को 1-3 से हार का सामना करना पड़ा. अब टीम और खिलाड़ियों के खराब परफॉर्मेंस को देखते हुए कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. आइये आगे जानते हैं क्या है पूरा माजरा?
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया के खराब परफॉर्मेंस की समीक्षा की गई. समीक्षा के लिए एक बैठक हुई जिसमें मुख्य कोच गौतम गंभीर, मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर और भारतीय कप्तान रोहित शर्मा मौजूद थे. मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक में खिलाड़ियों की सैलरी में कटौती पर विचार किया गया. ऐसा इसलिए माना गया ताकि खिलाड़ी अपने खेल और खासकर लाल गेंद वाले क्रिकेट के प्रति अधिक जवाबदेह हो सकें. वह टीम में अपनी भूमिका अधिक जिम्मेदारी से निभा सकते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, टारगेट पूरा न करने पर जैसा किसी सेल्समैन के साथ होता है, वैसा ही भारतीय खिलाड़ियों के साथ भी हो सकता है. अगर कोई खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं करेगा तो उसकी सैलरी में कटौती कर दी जाएगी. किसी भी कार्यालय में कर्मचारियों के साथ बिल्कुल ऐसा ही होता है. दिए गए सुझावों में से एक यह था कि यदि खिलाड़ियों का परफॉर्मेंस अपेक्षा के अनुरूप नहीं है तो उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और वेतन में कटौती का सामना करना चाहिए. हालांकि, इस बारे में अभी आधिकारिक जानकारी आना बाकी है. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या सच में ऐसा होता है या नहीं.
बता दें कि यह उसी तरह होगा जैसे बीसीसीआई ने पिछले साल टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना शुरू की थी. इस योजना के मुताबिक, अगर कोई खिलाड़ी सीजन के 50 फीसदी तक टेस्ट प्लेइंग इलेवन का हिस्सा रहता है तो उसे प्रति मैच 30 लाख रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसके अलावा अगर कोई खिलाड़ी 75 फीसदी मैच खेलता है तो प्रोत्साहन राशि 45 लाख रुपये होगी.
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