नई दिल्ली: पाकिस्तान के अरशद नदीम ने इतिहास रचते हुए पेरिस ओलंपिक 2024 के जैवलिन थ्रो इवेंट में गोल्ड मेडल जीता है. उन्होंने 92.7 मीटर का थ्रो फेंका, जो ओलंपिक के इतिहास का अब तक का सबसे बेस्ट थ्रो है. बता दें कि पेरिस में पाकिस्तान का झंडा गाड़ने वाले अरशद का जीवन काफी संघर्षों भरा रहा है. आइए जानते हैं उनकी कहानी…
ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अरशद नदीम पाकिस्तान के सबसे गरीब इलाके कहे जाने वाले पंजाब प्रांत के मियां चुन्नू से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता एक राजमिस्त्री हैं. अरशद आठ बहन भाइयों में तीसरे नंबर पर हैं. वह शादीशुदा और दो बच्चों (बेटा,बेटी) के बाप हैं.
बता दें कि अरशद नदीम का बचपन बहुत गरीबी में गुजरा है. उनके बड़े भाई-बहन ने मजदूरी करके उन्हें आगे बढ़ाया. परिवार वाले बताते हैं कि अरशद को शुरआत में पाकिस्तान सरकार की ओर से कोई सहायता भी नहीं मिली थी. पिता और भाई की आर्थिक मदद की वजह से ही अरशद ने जैवलिन थ्रोअर बनने का सपना पूरा किया.
अरशद नदीम का घर-
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