अगर यह मैच ड्रॉ होता तो हम्पी का पांच साल का सपना टूट जाता. उन्हें जीत की जरूरत थी और उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी इरिन सुकंदर को हराकर शानदार जीत हासिल की. भारतीय ग्रैंडमास्टर ने 11 में से 8.5 अंकों के साथ चैंपियनशिप समाप्त की. हम्पी कोनेरू ने दूसरी बार विश्व रैपिड खिताब जीतने के बाद खुशी व्यक्त की.
नई दिल्ली: शतरंज के क्षेत्र में साल 2024 भारत के लिए यादगार साबित हुआ है. 2024 के अंत में भारतीय महिला शतरंज खिलाड़ी हम्पी कोनेरू ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की. हाल ही में 18 वर्षीय भारतीय शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश विश्व चैंपियन बने.
वहीं अब 37 साल की हम्पी कोनेरू ने इतिहास रच दिया है. महिला शतरंज खिलाड़ी ने विश्व रैपिड शतरंज का खिताब जीत लिया है। खास बात यह है कि हम्पी ने दूसरी बार इस खिताब पर कब्जा किया है. भारत की हम्पी कोनेरू ने इंडोनेशिया की आइरीन सुकंदर को हराकर यह खिताब जीता है.
भारत की हम्पी कोनेरू ने दूसरी बार इस खिताब पर कब्जा किया है. हम्पी ने पहली बार 2019 में जॉर्जिया में वर्ल्ड रैपिड शतरंज चैंपियनशिप जीती थी. अब 5 साल बाद हम्पी ने फिर से कमाल कर दिखाया है. हम्पी को उनकी ऐतिहासिक जीत पर देशभर से बधाई और शुभकामनाएं मिल रही हैं. डी गुकेश के बाद अब हम्पी की उपलब्धि पर भी पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है. विश्व विजेता बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी है.
Congratulations to @humpy_koneru on winning the 2024 FIDE Women’s World Rapid Championship! Her grit and brilliance continues to inspire millions.
This victory is even more historic because it is her second world rapid championship title, thereby making her the only Indian to… https://t.co/MVxUcZimCc pic.twitter.com/nndIak2OvI
— Narendra Modi (@narendramodi) December 29, 2024
अगर यह मैच ड्रॉ होता तो हम्पी का पांच साल का सपना टूट जाता. उन्हें जीत की जरूरत थी और उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी इरिन सुकंदर को हराकर शानदार जीत हासिल की. भारतीय ग्रैंडमास्टर ने 11 में से 8.5 अंकों के साथ चैंपियनशिप समाप्त की. हम्पी कोनेरू ने दूसरी बार विश्व रैपिड खिताब जीतने के बाद खुशी व्यक्त की.
उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं क्योंकि यह मेरा दूसरा विश्व रैपिड खिताब है. इससे पहले मैनें 2019 में भी खिताब जीता है . 37 साल के खिलाड़ी ने आगे कहा, ‘अपने करियर में जब भी मैं निचले स्तर पर होती हूं और सोचती हूं कि मैं हार रही हूं तो कोई चमत्कार होता है और मैं वापसी कर लेती हूं. इससे मुझे आगे भी लड़ते रहने की प्रेरणा मिलती है।’
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