September 19, 2024
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80 किलो का बच्चा, नीरज का बनता था मजाक.परिवार के इस सक्स ने बदल दी काया

  • WRITTEN BY: Aprajita Anand
  • LAST UPDATED : September 17, 2024, 3:05 pm IST

नई दिल्ली: नीरज चोपड़ा जो नाम किसी परिचय का मौहताज नहीं है. नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक्स 2020 के जेवलिन थ्रो में जब गोल्ड जीता था मानों पूरे देश में इस खेल को लेकर एक नई ऊर्जा जाग उठी और पूरे देश में खुशी लहर दौड़ गई थी. यह पूरे देश के लिए बहुत गौरव का पल था.यहीं नहीं नीरज ने हाल ही में समाप्त हुए पैरिस ओलंपिक्स 2024 में सिल्वर मेडल जीतकर एक बार फिर पूरे देश का सर उंचा किया. वहीं अगर बात करें नीरज के निजी जीवन का तो नीरज हरियाणा के खंडारा गांव से आते हैं. नीरज के निजी जीवन से बहुत कम लोग परचित हैं . बता दें कि आज नीरज सभी यंगस्टर्स के लिए फिटनेस के आइकन बने हुए हैं. एक समय था जब नीरज कुछ बच्चे के द्वारा बुली तक किये जाते थे. उनका वजन इतना ज्यादा था कि उसके कारण उनका बहुत मजाक बनता था.

गोल्डन बोय का बचपन

नीरज हमेशा से ज्वाइंट फैमली और लंबे परिवार से रहते आए है, उन्हें बचपन से ही उनके ज्यादा वजन के कारण उन्हें बहुत सुनना पड़ता था जिससे वे त्रास्त हो गए थे. नीरज महज 13 साल के उमर से बहुत शरारती हुआ करते थे. उनके कुछ किस्से आज आपसे साझा करेंगे, जब वे पेड़ो पर चढकर मधुमक्खी के छत्तों को तोड़ दिया करते थे और भैंस की पूछ खींच कर शरारत करना. वहीं नीरज के पिता उनको अनुशासन का असली मतलब समझाना चाहते थे. लगातार समझाने के बाद नीरज ने पिता की वजन कम करने वाली बात पर ध्यान दिया.

अंकल ने दिलाया शिवाजी स्टेडियम में दाखिला

नीरज बचपन से ही हट्टे-कट्टे थे. वे शुरूआत से ही दुध और दही जैसे पदार्थों का सेवन किया करते थे. जिससे उनका वजन काफी बड़ गया था.माना जाता है कि महज 11 साल के उम्र में नीरज का वजन 80 किलो तक जा पहुंचा था. जिसके कारण उनके घर परिवार के लोग बहुत चिंतन करने लग गए थे.जिसे देख नीरज के अंकल ने उन्हें शिवाजी स्टेडियम में दाखिला दिलाया जो कि उनके गांव से 15 किलोमीटर दूर स्तिथ है.

अकेडमी में एक दिन नीरज ने लड़को को जेवलिन खेलते देखा उन्हीं में से एक लड़के ने नीरज को भी भाला फेकने को कहा, उन्हें नीरज की तकनीक अच्छी लगी.जिसके बाद उन्हें लड़को ने काफी प्रोतसाहित किया और खुद नीरज को भी यह खेल बहुत भाया. जिसके बाद उन्होंने पंचकुला में स्तिथ एक अकेडमी में दाखिला लिया.जिसके बाद नीरज ने अपने जीवन में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

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