4 अक्टूबर को होगा फैसला, कौन होगा अगला BCCI अध्यक्ष

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इस सवाल का जवाब 4 अक्टूबर को मिल सकता है. बोर्ड ने सारे पदाधिकारियों को सोमवार रात खत भेजकर सूचित किया है कि बीसीसीआई की स्पेशल जनरल मीटिंग (एसजीएम) रविवार को मुंबई स्थित बीसीसीआई मुख्यालय में होगी.

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4 अक्टूबर को होगा फैसला, कौन होगा अगला BCCI अध्यक्ष

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  • September 29, 2015 7:13 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
मुंबई. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इस सवाल का जवाब 4 अक्टूबर को मिल सकता है. बोर्ड ने सारे पदाधिकारियों को सोमवार रात खत भेजकर सूचित किया है कि बीसीसीआई की स्पेशल जनरल मीटिंग (एसजीएम) रविवार को मुंबई स्थित बीसीसीआई मुख्यालय में होगी.
      
15 दिनों के अंदर बुलानी होती है एजीएम
इस महीने कोलकाता में पूर्व बोर्ड अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के निधन के बाद से यह सवाल लगातार बना हुआहै कि बीसीसीआई का अगला अध्यक्ष कौन होगा. बीसीसीआई के नियमों के मुताबिक अगर अध्यक्ष का पद किसी भी वजह से कार्यकाल के बीच में ही खाली हो जाता है, तो बोर्ड सचिव 15 दिनों के अंदर स्पेशल जनरल बॉडी मीटिंग बुलाकर नए अध्यक्ष का चुनाव करवा सकते हैं.
 
ईस्ट जोन की है बारी
रोटेशन पॉलिसी के तहत नया अध्यक्ष उसी जोन से नामांकित होता है, जिस जोन के अध्यक्ष ने वक्त से पहले पद छोड़ा होता है या किसी कारणवश पद खाली हो जाता है. इसके अनुसार अध्यक्ष पद की बारी ईस्ट जोन की है. बोर्ड अध्यक्ष बनने की रस्साकशी तेज होने के बीच इस दौड़ में बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर का नाम सबसे तेजी से उभरा है, लेकिन उनके इस दौड़ में आने के लिए यह जरूरी होगा कि ईस्ट जोन में बंगाल, ओडिशा, झारखंड, असम, त्रिपुरा और कोलकाता नेशनल क्रिकेट क्लब में से कोई एक उन्हें नामांकित करे. इसके साथ ही उन्हें जीत के लिए कम से कम 16 वोट जुटाने भी जरूरी होंगे.
 
अमिताभ चौधरी दे सकते हैं टक्कर
फिलहाल ईस्ट जोन अपने वोटों को संगठित बता रहा है। ऐसे में झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और बोर्ड में संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी से मनोहर को कड़ी टक्कर मिल सकती है. वैसे एन श्रीनिवासन और सेंट्रल जोन से राजीव शुक्ला भी अपने समीकरण बिठाने में लगे हुए हैं. शरद पवार से नागपुर में मुलाकात कर श्रीनिवासन ने समीकरण बदलने की कोशिश की थी, लेकिन माना जा रहा है कि शशांक मनोहर और अजय शिर्के के विरोध की वजह से राजनीति और क्रिकेट में समान दबदबा रखने वाले शरद पवार ने अपने कदम पीछे खींच लिए.
 

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