नई दिल्ली. आज पूरी दुनिया भर में क्रिकेट बेहद लोकप्रिय खेल है. क्रिकेट फैन्स आज अपने पसंदीदा क्रिकेटर को न केवल मैदान पर देखना पसंद करते हैं बल्कि उन्हें सोशल मीडिया पर भी फॉलो करते है. क्रिकेट प्लेयर्स की पर्सनल लाइफ में बहुत कुछ ऐसा होता है जो बेहद कम लोग जानते हैं. लेकिन फैन्स उनकी हर बात जानने की हर संभव कोशिश करते हैं. चाहे वह अपने लव अफेयर के बारे में हो या उनके खास पान से जुड़ी. हालांकि अब क्रिकेटर्स सोशल मीडिया के जरिए फैन्स से कनेक्ट रहते हैं और हर तरह की जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करते रहते हैं लेकिन फिर भी कुछ चीजें ऐसी होती है जो शायद ही कभी बाहर आ पाती हैं. आज हम आपको क्रिकेट प्लेयर्स की जिंदगी से जुड़ी कुछ ऐसी ही चीज बताने जा रहे हैं जिसके बारे में शायद ही आपने पहले कभी सुना हो. जी हां, हम आज आपको ऐसे क्रिकेटर्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपना धर्म बदल लिया. इस लिस्ट में एक भारतीय का नाम भी शामिल है.
इस लिस्ट में पहला नाम है पाकिस्तान के दिग्गज क्रिकेटर मोहम्मद यूसुफ का. मोहम्मद यूसुफ ने पाकिस्तान के लिए 90 टेस्ट, 288 वनडे और तीन टी-20 मुकाबले खेले. वह पाक के सबसे दिग्गज क्रिकेटर्स में से एक रहे. मोहम्मद यूसुफ पहले ईसाई धर्म के मानने वालों में से थे. लेकिन उन्होंने साल 2004 में मुस्लिम धर्म को अपना लिया था. धर्म बदलने से पहले मोहम्मद यूसुफ का नाम युसुफ योहाना था.
श्रीलंकाई ओपनर और दिग्गज बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान का नाम शायद ही कोई क्रिकेट फैन्स न जानता हो. वह जब भी क्रीज पर होते थे दुनिया भर के गेंदबाज उनसे खौफ खाते थे. लेकिन ये बात आज भी बहुत ही कम लोगों को पता है कि उन्होंने अपना धर्म बदल लिया था. श्रीलंका के लिए 87 टेस्ट, 330 वनडे और 80 टी-20 मैच खेलने वाले तिलकरत्ने दिलशान का जन्म मुस्लिम परिवार में हुआ था. लेकिन 16 साल की आयु में उन्होंने महात्मा बुद्ध की राह पर चलने का फैसला किया. इसके बाद वह तुवान मोहम्मद दिलशान से तिलकरत्ने दिलशान बन गए थे.
तेज गेंदबाज वेन पार्नेल ने साउथ अफ्रीका के लिए 6 टेस्ट, 65 वनडे और 40 टी-20 मैच खेले.उन्होंने अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया. लेकिन उनकी पर्सनल लाइक के बारे में बेहद कम लोग जानते हैं. वेन पार्नेल ने वर्ष 2011 में क्रिस्चिन धर्म को छोड़कर इस्लाम धर्म को अपनाया. उन्होंने कहा मैंने धर्म के बारे में लंबे समय से अध्ययन करने के बाद धर्म बदलने का निर्णय लिया है.
टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग को शतक से रोकने वाले श्रीलंकाई क्रिकेटर सूरज रणदीव को हमेशा याद रखा जाएगा. सूरज रणदीव ने श्रीलंका के लिए 12 टेस्ट, 31 वनडे और 7 टी-20 मैच खेले. दरअसल रणदीव ने नोबॉल फेंककर वीरू को शतक से रोक दिया था. जिस कारण उनकी काफी आलोचना भी हुई थी. सूरज का जन्म इस्लाम को मानने वाले परिवार में हुआ था. लेकिन बाद में उन्होंने बौद्ध धर्म धारण कर लिया था. उनका नाम पहले मोहम्मद मरशुक मोहम्मद सूरज था. लेकिन 2010 में उनको सूरज रणदीव के नाम से जाना जाने लगा.
धर्म बदलने वाले क्रिकेटर की लिस्ट में भारतीय खिलाड़ी कृपाल सिंह का नाम भी शामिल है. कृपाल सिंह ने भारत की ओर से 14 टेस्ट मैच खेले. क्रिकेट खेलने के दौरान उन्हें एक क्रिस्चियन लड़की से मोहब्बत हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने बाद में उससे विवाह कर लिया था. शादी के बाद इन्होंने अपना सिख धर्म छोड़ दिया और क्रिस्चियनिटी को अपना लिय़ा था. हालांकि धर्म परिवर्तन के बावजूद वह दोनों धर्मों को दिल से मानते रहे.
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