नई दिल्ली: प्रो रेसलिंग लीग के पहले दो सीजन की कामयाबी के बाद इसका सीज़न-3 जनवरी के पहले सप्ताह से शुरू होगा. इस सीज़न में ग्रीको रोमन शैली की कुश्तियों को पहली बर शामिल किया गया है. जो नुमाइसी खेल के तौर पर शामिल की जाएगी. ऐसा इस शैली की कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. इस बारे में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि ग्रीको रोमन शोली की कुश्ती में भी हमें विश्व स्तर पर पदक हासिल हुए हैं. हम इस शैली के पहलवानों को भी एक मंच देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि यह अभी शुरुआत है और उन्हें विश्वास है कि यह कुश्ती भविष्य में अपनी अलग पहचना बनाएगी. उन्होंने कहा कि इस शैली की कुश्ती को 1896 के पहले ग्रीष्मकालीन खेलों में शामिल किया गया था.
इस शैली की कुश्ती में 1962 के जकार्ता एशियाई खेलों से लेकर अब तक विश्व चैम्पियनशिप, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियाई खेलों और तमाम अन्य बड़े आयोजनों में भारतीय पहलवानों ने पदक जीते हैं. प्रो स्पोर्टीफाई के फाउंडर एवं प्रमोटर कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि इस लीग के जरिये हमें न सिर्फ व्यावसायिक स्तर पर क़ामयाबी मिली है, बल्कि खेल का विकास करने में भी मदद मिली है. हमें खुशी है कि देश के कुश्ती प्रेमियों को पहले दो साल में दुनिया के चोटी के पहलवानों की कुश्ती कला देखने को मिली है और इसे हम सीजन-3 में भी दोहराने के प्रति कृतसंकल्प हैं.
उन्होंने कहा कि एशियाई खेल और कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले दुनिया भर के खिलाडियों के लिए पीडब्ल्यूएल एक बड़ा मंच साबित होगा. पहले दो सत्रों में खिलाडियों, दर्शकों और खासकर टीवी दर्शकों के अपार स्नेह से प्रेरित होकर इस बार ज्यादा टीमें और पहले से ज्यादा ओलंपिक स्टार होंगे. तीसरे सीजन में अब तक दुनिया भर से 200 खिलाडियों ने पीडब्ल्यूएल के लिए उपलब्ध रहने की पुष्टि कर दी है.
लीग के आयोजक भारतीय कुश्ती संघ और प्रो स्पोर्टीफाई के अनुसार भारतीय खिलाडियों सहित इस बार यह सूची 300 तक पहुंच गई है. टीमों की संख्या बढऩे से यह आयोजन इस बार 24 दिन का होगा. सभी टीमें राउंड रॉबिन लीग के आधार पर एक दूसरे से भिड़ेंगी. शीर्ष चार पर रहने वाली टीमों के बीच सेमीफाइनल खेले जाएंगे और उसे जीतने वाली टीमों के बीच फाइनल खेला जाएगा. पहले दो संस्करणों में खेले गए कुल 36 मुक़ाबलों में 2461 अंक बनने का दर्शकों ने भरपूर लुत्फ उठाया है. इनमें एक ही मुक़ाबले में 38 अंक बने थे. यह मुक़ाबला पंजाब टीम की याना रैटिगन और बैंगलुरु टीम की अलीशा लैम्पे के बीच सीजन 1 में खेला गया था. अब तक 30 ओलंपियन इस लीग के साक्षी बने हैं. इन्होंने रियो ओलिम्पिक के 11, विश्व चैम्पियनशिप के 16 और महाद्वीपीय खेलों के सात चैम्पियनों ने भाग लेकर आयोजन में चार चांद लगा दिये थे.
इस लीग से न केवल भारतीय और विदेशी खिलाडियों को अच्छी खासी आमदनी हुई है बल्कि भारतीय खिलाडियों के लिए यह सीखने का एक बड़ा मंच भी साबित हुआ है, जहां कई भारतीय खिलाडियों ने दिग्गज विदेशी खिलाडियों को भी शिकस्त दी है. यूनाइटेड वल्र्ड रेसलिंग के अध्यक्ष नेनाद लालोविच ने भी भारतीय कुश्ती संघ और प्रो स्पोर्टीफाई के संयुक्त उपक्रम की सराहना करते हुए कहा कि यह दुनिया भर के पहलवानों के लिए एक ऐसा मंच है जहां इस खेल की आवाज बुलंद हुई है.