नई दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जब विकेटकीपर की भूमिका में होते है तो सिर्फ विकेट के पीछे ही नही बल्कि आगे भी कहर मचाते दिखतें हैं. क्रिकेट को लेकर उनकी समझ का जवाब नहीं है चाहे वो विकेटकिपिंग हो, बैटिंग हो या बॉलर्स को वक्त-वक्त पर सलाह देना हो. हर चीज में वो अपना किरदार बखूबी निभाते हैं.
टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत द्वारा खेले गए पहले वनडे में भी धोनी के नेतृत्व की क्षमता वैसे ही देखने को मिली. जिसके लिए उन्हें जाना जाता है. जिस समय ऑस्ट्रेलियाई धुआदार बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल भारतीय टीम के लिए खतरा बनते जा रहे थे तब धोनी ने अपनी कैप्टन कूल वाली क्वालिटी दिखाते हुए गेंदबाज कुलदीप यादव और यजुवेंद्र चहल को लगातार यह बताते रहे कि उन्हें गेंदें कहां और कैसे डालनी हैं. इसी के फलस्वरुप यह हुआ कि आखिरकार यजुवेंद्र चहल ने ग्लेन मैक्सवेल को अपना शिकार बना लिया.
धोनी समय-समय पर दोनों स्पिनर्स को इंस्ट्रक्शन देते नजर आ रहें थे. विकेट के पीछे लगे माइक में धोनी कहते हुए सुने गए ‘वो मारने वाला डाल ना, अंदर या बाहर कोई भी’ साथ ही धोनी ने चहल और कुलदीप से यह भी कहा कि ‘घूमने वाला डाल, घूमने वाला.
कुलदीप के ओवर में जब मैक्सवेल ने तीन छक्के और चौके के जरिए 22 रन मारे तो धोनी ने उनकी गलती बताते हुए कहा कि ‘स्टंप पे मत डाल, इसको इतना आगे नहीं, अगले ओवर में चहल को भी कहा कि ‘तू भी नहीं सुनता है क्या? ऐसे-ऐसे डालो’ जिसकी बदौलत चहल ने मैक्सवेल को शॉट उठाने पर मजबूर किया और लॉन्ग ऑन पर मनीष पांडे ने कैच पकड़ लिया.
आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब पूर्व कप्तान धोनी विकेट के पीछे से अपनी यह भूमिका निभाते दिखें हो इससे पहले भी कई मुश्किल परिस्तिथिओं में वह ऐसे ही बॉलर्स को समय-समय पर इंस्ट्रक्शंस देते रहें है.