नई दिल्ली: हरफनमौला बल्लेबाज और ट्विटर के सबसे बड़े ट्विटरबाज वीरेंद्र सहवाग ने शुक्रवार को भारतीय क्रिकेट टीम पर एक स्टेटमेंट देकर खेल जगत में खलबली मचा दी है. सहवाग ने कहा कि वह भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच बनने से इसिलिए चूक गए क्योंकि बीसीसीआई में उनकी ताकत कम थी. साथ ही उन्होंने कहा कि अब वह फिर से इस पोस्ट के लिए आवेदन नहीं करेंगे.
सहवाग इस फैसले को जायज नही मानते है क्योंकि यह फैसला सर्वसम्मती से नहीं लिया गया था. उन्होंने कहा कि क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) में शामिल भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली इस फैसले के खिलाफ थे. यह तो कुछ नहीं है सहवाग ने तो यह तक कह दिया की मैं कोच इसलिए नहीं बन पाया क्योंकि जो भी कोच चुन रहे थे, उनसे मेरी कोई सेटिंग नहीं थी.
सहवाग के इस बयान के बाद क्रिकेट के साथ-शाथ पूरे स्पोर्टस वर्ल्ड में खलबली मच गई है. उन्होंने एक और चौंका देने वाला खुलासा किया कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को कोचिंग के बारे में कभी नहीं सोचा था. टीम को कोच करने के लिए उन्हें एक प्रस्ताव दिया गया था जिसमें बीसीसीआई सचिव अमिताभ चौधरी और महाप्रबंधक (खेल विकास) एमवी श्रीधर उनके पास आए और उन्हें इस प्रस्ताव के बारे में सोचने के लिए अनुरोध किया.
इसी बात से जोड़ते हुए एक इंटरव्यू के दौरान सहवाग ने कहा कि रवि शास्त्री ने शुरुआत में उन्हें कह दिया था कि वो इस पद के लिए आवेदन नहीं करने वाले है और अगर उन्हें पहले से उनके इरादे का पता होता तो वो अपना नाम नहीं भेजते. सहवाग ने यह भी दावा किया कि भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच पद के लिए आवेदन करने से पहले उन्होंने भारतीय कप्तान विराट कोहली से भी सलाह मशवरा किया था.