नई दिल्ली: क्रिकेट इतिहास में हॉन्ग-कॉन्ग क्रिकेट सिक्स टूर्नामेंट की फिर से एक बार वापसी होने जा रही है. तकरीबन 7 साल बाद होगी लीग की वापसी. टूर्नामेंट की शुरूआत 1 से 3 नवंबर के बीच होगी. सभी टीमों में 6 खिलाड़ी होते है. इस टूर्नामेंट में भारत, पाकिस्तान के साथ ही इग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया […]
नई दिल्ली: क्रिकेट इतिहास में हॉन्ग-कॉन्ग क्रिकेट सिक्स टूर्नामेंट की फिर से एक बार वापसी होने जा रही है. तकरीबन 7 साल बाद होगी लीग की वापसी. टूर्नामेंट की शुरूआत 1 से 3 नवंबर के बीच होगी. सभी टीमों में 6 खिलाड़ी होते है. इस टूर्नामेंट में भारत, पाकिस्तान के साथ ही इग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया 12 टीमें शिरकत कर रही. बताते चले टूर्नामेंट का इतिहास काफी पुराना है. लेकिन यह बात उस वक्त की है जब धोनी अपने करियर के शुरूआती दौर में थे. माही ने 2004 में खेले गए एक मुकाबले में महज 8 गेंदों में विपक्षी गेंदबाजों का धागा खोल दिया था.
2004 में हुए हॉन्ग कॉन्ग सिक्स टूर्नामेंट में उस भारत के कप्तान निखिल चोपड़ा थे. टूर्नामेंट के दौरान 7 नवंबर के दिन भारत का सामना दक्षिण-अफ्रीका से था . उस वक्त धोनी महज 23 साल के थे और टीम की वीकेटीपर बल्लेबाज प्रवीण आमरे थे ना कि धोनी . बताते चले 2004 में चल रहे इस पूरे टूर्नामेंट के दौरान धोनी ने भारतीय टीम के लिए ओपनिंग की थी.
महेंद्र सिंह धोनी ने दक्षिण-अफ्रीका के खिलाफ उस मैच में विकेट झटकने वाले इकलौते गेंदबाज थे. धोनी ने महज 1 ओवर गेंदबाजी की थी 1 विकेट झटकने के साथ-साथ 17 रन भी लुटाए थे. इस मैच में शानदार प्रदर्शन करने के बाद माही को भारतीय टीम से बुलावा आया. लंबे-लंबे छक्के जड़ने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने टीम इंडिया के लिए 2004 में डेब्यू किया. बांग्लादेश के खिलाफ 23 दिसंबर 2004 में डेब्यू करने वाले धोनी उस मैच में कुछ खास नहीं कर सके. धोनी उस मैच में खाता भी नहीं खोल पाए. लेकिन उसके बाद जो हुआ वो आज भी इतिहास है.