डर्बी: हरमनप्रीत कौर ने ऐसे समय में अपने हाथ खोले, जब उसकी सबसे अधिक ज़रूरत थी. उन्होंने वर्ल्ड कप इतिहास में भारत की ओर से सबसे बड़ी पारी खेलने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया. डर्बी में आए उनके तूफान ने न सिर्फ भारत की उम्मीदें जगा दीं बल्कि छह बार की चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाज़ी को भी बौना बना दिया.
उन्होंने 171 रन की नॉटआउट पारी के दौरान 20 चौके और सात छक्के लगाये. यानी 122 रन उन्होंने खड़े-खड़े बना लिये. आलम यह था कि भारत ने आखिरी दस ओवरों में 129 रन बनाये. वर्ल्ड कप के इतिहास की अपनी दूसरी और कुल तीसरी सेंचुरी के साथ उन्होंने भारत को 4 विकेट पर 281 के गगनचुम्बी स्कोर पर पहुंचाने में सबसे बड़ी मदद मिली. यह इस वर्ल्ड कप की भारत की दूसरी ऐसी पारी है जब उसने 281 का स्कोर बनाया है.
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इतना स्कोर उसने इंग्लैंड के खिलाफ अपने पहले मैच में भी बनाया था लेकिन वह 50 ओवरों में था। उनकी आतिशी पारी ने भारतीय टीम प्रबंधन के सामने सबसे बड़ा सवाल खड़ा कर दिया कि आखिर उनके बल्लेबाज़ी क्रम के साथ इस वर्ल्ड कप में बार-बार छेड़छाड़ क्यों की गई. उन्होंने कप्तान मिताली राज के साथ तीसरे विकेट के लिए 94 गेंदों पर 66 रन की पार्टनरशिप करके टीम को संकट से उबारने का काम किया और फिर दीप्ति शर्मा के साथ चौथे विकेट के लिए 80 गेंदों पर 137 रन बनाकर सबका दिल जीत लिया.
चलते-चलते उन्होंने वेदा कृष्णामूर्ति (10 गेंद पर 16) के साथ 28 गेंदों पर 43 रन की पार्टनरशिप करके यादगार काम कर दिया. हरमनप्रीत ने कहा कि उन्होंने नज़रें जमने के बाद ज़्यादा से ज़्यादा स्ट्राइक अपने पास रखने की कोशिश की और जहां चाहा, वहां उन्होंने स्ट्रोक खेले. इस पारी के लिए उन्होंने ईश्वर को भी याद किया. हरमन ने हमेशा की तरह मिडविकेट और कवर की ओर तो शॉट खेले ही, साथ ही उन्होंने शॉर्ट गेंदों पर पुल और स्कवेयर दिशा में शॉट खेलकर अपने सामने किसी भी गेंदबाज़ को जमने नहीं दिया.
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इतना ही नहीं, उन्होंने शॉट्स खेलने के लिए खाली जगह का खास ध्यान रखा और रन गति को तेज़ी से आगे बढ़ाया. उनके लांग ऑन और मिडविकेट के ऊपर से लगाये कुल चार दर्शनीय छक्के देखने लायक थे. पारी के 37वें ओवर में उन्होंने दो चौके और दो छक्के लगाकर कुल 23 रन जुटाये। वहीं मिताली ने हमेशा की तरह टिककर खेलने का काम किया. उन्होंने मिड ऑन और गेंदबाज़ के ऊपर से दो बाउंड्री लगाईं. 61 गेंद पर 36 रन की पारी के साथ मिताली राज इस वर्ल्ड कप में सबसे अधिक रन बनाने.
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