फिर लकी रहा डर्बी का मैदान, भारत ऑलराउंड खेल के साथ सेमीफाइनल में

भारतीय महिला टीम ने वर्ल्ड कप के अपने आखिरी लीग मैच में मौके पर चौका लगा दिया, जिससे भारत सेमीफाइनल में पहुंचने में क़ामयाब रहा. डर्बी का मैदान एक बार फिर भारत के लिए लकी साबित हुआ जहां टीम ने अपने ऑलराउंड खेल से उस न्यूज़ीलैंड टीम को 186 रन के बड़े अंतर से शिकस्त दी

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फिर लकी रहा डर्बी का मैदान, भारत ऑलराउंड खेल के साथ सेमीफाइनल में

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  • July 15, 2017 4:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
नई दिल्ली: भारतीय महिला टीम ने वर्ल्ड कप के अपने आखिरी लीग मैच में मौके पर चौका लगा दिया, जिससे भारत सेमीफाइनल में पहुंचने में क़ामयाब रहा. डर्बी का मैदान एक बार फिर भारत के लिए लकी साबित हुआ जहां टीम ने अपने ऑलराउंड खेल से उस न्यूज़ीलैंड टीम को 186 रन के बड़े अंतर से शिकस्त दी. जिसने वर्ल्ड कप में भारत को नौ बार हराया था.
 
किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि न्यूज़ीलैंड की बल्लेबाज़ी शुरुआती झटकों के बाद पूरी तरह से भारतीय फिरकी में उलझकर इतनी बौनी साबित हो जाएगी कि भारत शान से इतनी एकतरफा जीत हासिल करेगा. यह जीत भारत के लिए सेमीफाइनल में एक टॉनिक का काम कर सकती है.
 
न्यूज़ीलैंड का टॉस जीतकर भारत को पहले खिलाने का दांव ग़लत साबित हुआ. भारत ने मिताली की सेंचुरी, हरमनप्रीत की टिकाऊ हाफ सेंचुरी और वेदा कृष्णामूर्ति की तूफानी हाफ सेंचुरी की मदद से सात विकेट पर 265 का स्कोर बनाया. इसके जवाब में भारतीय गेंदबाज़ी पूरे शवाब पर थी. तेज़ गेंदबाज़ी भी और स्पिन गेंदबाज़ी भी, जिससे न्यूज़ीलैंड की टीम जवाब में सौ रन भी नहीं बना पाई. बाएं हाथ की स्पिनर राजेश्वरी गायकवाड़ ने 15 रन में पांच विकेट चटकाए.
 
हालांकि भारत का स्कोर चुनौतीपूर्ण था लेकिन न्यूज़ीलैंड की गेंदबाज़ हड़बड़ाहट में ग़लतियां करती चली गईं. पहले शिखा पांडे ने अपनी स्विंग पर बेट्स को छकाकर आउट किया. प्रीस्ट को अपनी ही गेंद पर लपककर झूलन ने न्यूज़ीलैंड को बड़ा झटका दिया. लेकिन मार्टिन शर्मा की गेंद पर टाइमिंग गड़बड़ा गई. एकता बिष्ट की जगह बाएं हाथ की स्पिनर राजेश्वरी गायकवाड़ को खिलाने का दांव सटीक रहा.
 
उन्होंने पहले सैटरट्वेट को अपनी चतुराईपूर्ण फ्लाइट पर चलता किया और फिर डिवाइन को एक ललचाई गेंद पर आउट किया. इसके बाद उन्होंने तीन विकेट और चटकाकर पुछल्ला बल्लेबाज़ों को भी निपटा दिया. न्यूज़ीलैंड की कई बल्लेबाज़ों को अपने शरीर से दूर खेलना महंगा साबित हुआ.
 
इससे पहले मिताली राज ने जहां अपनी छठी सेंचुरी लगाई, वहीं हरमनप्रीत कौर के साथ उन्होंने तीसरे विकेट के लिए सेंचुरी पार्टनरशिप करके पहले दो विकेट जल्दी गिरने की भरपाई कर ली. बल्लेबाज़ों में बाद का काम वेदा कृष्णामूर्ति ने कर दिया. उन्होंने 45 गेंदों पर 70 रन की एक ऐसी ताबड़तोड़ पारी खेली कि उनके सामने न्यूज़ीलैंड के सभी गेंदबाज़ असहाय दिखने लगे. यह उन्हीं की आतिशी पारी का कमाल था कि भारत आखिरी आठ ओवरों में 70 रन बनाने में सफल रहा.
 
पारी के 46वें ओवर में उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ ताहूहू पर तीन बाउंड्री लगाईं और उससे अगले ओवर में टीम की अन्य तेज़ गेंदबाज़ सूज़ी बेट्स पर एक छक्का और दो चौके लगाए. मिताली राज ने करियर की अपनी छठी सेंचुरी में ज़्यादातर शॉट्स स्कवेयर दिशा में खेले वहीं हरमनप्रीत की पारी टिकाऊ रही.
 
उन्होंने इस वर्ल्ड कप की पहली हाफ सेंचुरी लगाई. उन्होंने अपने ज़्यादातर शॉट्स के लिए मिडविकेट और कवर दिशा पर निशाना लगाया. वहीं वेदा कृष्णामूर्ति के आतिशी अंदाज़ की सबसे बड़ी खूबी यह थी कि उन्होंने गेंद को बल्ले के बीचोबीच लिया. 15 रन देकर पांच विकेट चटकाने वाली बाएं हाथ की स्पिनर राजेश्वरी गायकवाड़ प्लेयर ऑफ द मैच रहीं.

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