नई दिल्ली: पिछले चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया ने दिखा दिया कि उसकी विश्व क्रिकेट में ज़बर्दस्त धाक क्यों है. खेल के हर विभाग में उसने भारतीय टीम को मात दी. वहीं पहले चार मैच जीतकर धाकड़ शुरुआत करने वाली भारतीय टीम पिछले मैच में साउथ अफ्रीका के खिलाफ ऐसी गिरी कि वह अब तक नहीं उठ पाई. ऑस्ट्रेलिया ने उसे आठ विकेट से हराकर मैच में उठने ही नहीं दिया. अब न्यूज़ीलैंड के खिलाफ अगर उसने अपनी ग़लतियों पर लगाम नहीं लगाई तो फिर टीम का वही हश्र हो सकता है, जो पिछली बार हुआ था.
रिकॉर्डों के लिहाज़ से ज़रूर भारत के लिए आज का दिनहमेशा याद रखा जाएगा. भारतीय कप्तान मिताली राज ने अपनी 69 रन की पारी के दौरान वन-डे क्रिकेट में सबसे अधिक रनों का वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. विश्व क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ है जब सबसे अधिक रन और सबसे अधिक विकेट लेने वाली खिलाड़ी एक ही टीम से हैं. सबसे अधिक विकेट का रिकॉर्ड झूलन पहले ही अपने नाम कर चुकी हैं.
हालांकि भारत ने ऑस्ट्रेलिया के दो विकेट ज़रूर चटकाये लेकिन उसका जो भी बल्लेबाज़ आउट हुआ, वह अपने काम को बखूबी अंजाम देने के बाद ही आउट हुआ. बोल्टन 16वें ओवर में आउट होने से पहले 36 रन बनाने के साथ अच्छी ओपनिंग पार्टनरशिप कर चुकी थीं और उनकी साथी और बाएं हाथ की बल्लेबाज़ बैथ मूने ने भी 45 रन की शानदार पारी खेली.
मैच का बड़ा अंतर
मैग लैनिंग ने कप्तान की पारी खेलते हुए एलिस पेरी के साथ सेंचुरी पार्टनरशिप करके एक तरह से पूनम राउत और मिताली राज को दिखा दिया कि बड़ी पार्टनरशिप के लिए बहुत ज़्यादा गेंदें खर्च करने की ज़रूरत नहीं होती. इस जोड़ी ने सेंचुरी पार्टनरशिप पूरी करने में पूनम और मिताली की तुलना में 40 गेंदें कम खेलीं और यह काफी हद तक इस मैच का बड़ा अंतर साबित हुई.
पहले बोल्टन ने एकता बिष्ट के एक ओवर में तीन चौके लगाए और फिर बैथ मूने ने 17वें ओवर में दीप्ति शर्मा पर दो बाउंड्री लगाई और लैनिंग ने पूनम यादव के एक ओवर में एक छक्का और एक चौका लगाकर दिखा दिया कि उसकी बल्लेबाज़ी में कितनी गहराई है.
रिकॉर्ड
इससे पहले मिताली ने इंग्लैंड की एडवर्ड्स के 5992 रनों के वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ दिया. एडवर्ड्स ने यह रिकॉर्ड 191 मैचों में बनाया था, जबकि मिताली ने अपने 182वें मैच में यह रिकॉर्ड बनाया. इस तरह वह महिला क्रिकेट इतिहास में छह हज़ार रन बनाने वाली भी पहली खिलाड़ी बन गईं. उन्होंने पहला विकेट जल्दी गिर जाने के बाद मोर्चा सम्भाला और पूनम राउत के साथ पारी को संवारने का काम किया.
पार्टनरशिप
दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 37.1 ओवरों में 157 रन की पार्टनरशिप पूरी की. मिताली ने शुरूआत काफी धीमी की और अपना वर्ल्ड रिकॉर्ड पूरा करने के बाद उन्होंने रन गति में सुधार किया. उन्होंने लेगब्रेक गुगली बॉलर क्रिस्टन बीम्स की कुछ ढीली गेंदों पर बड़े शॉट्स खेले. उनकी एक फ्लाइटेड गेंद पर उनके सिर के ऊपर से लगाया उनका छक्का भी दर्शनीय था.
वहीं पूनम के कवर ड्राइव देखने लायक थे. पहले उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ स्कट पर बेहतरीन एक्स्ट्रा कवर दिशा में स्ट्रोक खेले और फिर ऑफ स्पिनर गार्डनर पर कवर और मिडविकेट पर खूब रन बरसाये. उनकी पारी की सबसे अच्छी बात यह रही कि जब रनों का सूखा पड़ा हुआ था तब उन्होंने बीच-बीच में बड़े शॉट्स लगाकर भारतीय दर्शकों में कुछ उत्तेजना पैदा की लेकिन भारतीय पारी में कुल 159 डॉट गेंदों ने खेल का मिजाज़ खराब कर दिया और ऑस्ट्रेलिया जैसी धाकड़ टीम के खिलाफ भारत की हार का यह मुख्य कारण बना.
शुरुआती दो मैचों में धाकड़ बल्लेबाज़ी करने वाली स्मृति मंधाना की फॉर्म तीसरे मैच से ही उनसे रूठी रही. इस बार ऑफ स्पिनर गार्डनर की टर्न को खेलने में बल्ले का बाहरी किनारा लगने से ही उनका खेल खत्म हो गया. मिताल को स्टेप आउट करके खेलने की कीमत चुकानी पड़ी जबकि क्रीज़ पर जमने के बाद पूनम राउत लेग की गेंद को खेलने में जल्दबाज़ी की शिकार हो गईं.
इसके बाद के सभी बल्लेबाज़ रन गति को तेज़ करने के प्रयास में लौटते चले गए. अब भारत का न्यूज़ीलैंड से अगला मुक़ाबला 15 जुलाई को है जो भारत के लिए करो या मरो का मुक़ाबला होगा.