नई दिल्ली: आज का दिन महिला क्रिकेट के लिए हमेशा याद रखा जाएगा. भारतीय कप्तान मिताली राज ने अपनी 69 रन की पारी के दौरान वन-डे क्रिकेट में सबसे अधिक रनों का वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. विश्व क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ है जब सबसे अधिक रन और सबसे अधिक विकेट लेने वाली खिलाड़ी एक ही टीम से हैं.
सबसे अधिक विकेट का रिकॉर्ड झूलन पहले ही अपने नाम कर चुकी हैं. इतना ही नहीं, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पूनम राउत ने वर्ल्ड कप में अपनी पहली सेंचुरी लगाकर भारत को 7 विकेट पर 226 के स्कोर तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया. मिताली ने इंग्लैंड की एडवर्ड्स के 5992 रनों के वर्ल्ड रिकॉर्ड तो तोड़ा.
छह हज़ार रन
एडवर्ड्स ने यह रिकॉर्ड 191 मैचों में बनाया था, जबकि मिताली ने अपने 182वें मैच में यह रिकॉर्ड बनाया. इस तरह वह महिला क्रिकेट इतिहास में छह हज़ार रन बनाने वाली भी पहली खिलाड़ी बन गईं. उन्होंने पहला विकेट जल्दी गिर जाने के बाद मोर्चा सम्भाला और पूनम राउत के साथ पारी को संवारने का काम किया.
दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 37.1 ओवरों में 157 रन की पार्टनरशिप पूरी की. मिताली ने शुरूआत काफी धीमी की और अपना वर्ल्ड रिकॉर्ड पूरा करने के बाद उन्होंने रन गति में सुधार किया. उन्होंने लेगब्रेक गुगली बॉलर क्रिस्टन बीम्स की कुछ ढीली गेंदों पर बड़े शॉट्स खेले. उनकी एक फ्लाइटेड गेंद पर उनके सिर के ऊपर से लगाया उनका छक्का भी दर्शनीय था.
बरसाये रन
वहीं पूनम के कवर ड्राइव देखने लायक थे. पहले उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ स्कट पर बेहतरीन एक्स्ट्रा कवर दिशा में स्ट्रोक खेले और फिर ऑफ स्पिनर गार्डनर पर कवर और मिडविकेट पर खूब रन बरसाये. उनकी पारी की सबसे अच्छी बात यह रही कि जब रनों का सूखा पड़ा हुआ था तब उन्होंने बीच-बीच में बड़े शॉट्स लगाकर भारतीय दर्शकों में कुछ उत्तेजना पैदा की.
शुरुआती दो मैचों में धाकड़ बल्लेबाज़ी करने वाली स्मृति मंधाना की फॉर्म तीसरे मैच से ही उनसे रूठी हुई है. इस बार ऑफ स्पिनर गार्डनर की टर्न को खेलने में बल्ले का बाहरी किनारा लगने से ही उनका खेल खत्म हो गया. मिताल को स्टेप आउट करके खेलने की कीमत चुकानी पड़ी जबकि क्रीज़ पर जमने के बाद पूनम राउत लेग की गेंद को खेलने में जल्दबाज़ी की शिकार हो गईं. इसके बाद के सभी बल्लेबाज़ रन गति को तेज़ करने के प्रयास में लौटते चले गए.
वैसे यह एक चुनौतीपूर्ण स्कोर है लेकिन ऑस्ट्रेलिया की धाकड़ बल्लेबाज़ी को देखते हुए भारतीय गेंदबाज़ों को कुछ अतिरिक्त करना होगा, तभी बात बनेगी.