लीसेस्टर: चैम्पियन की तरह खेलने वाली भारतीय टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और उसे महिला वर्ल्ड कप में पहली हार का सामना करना पड़ा. अब इसे एक झटका कहा जाए या एक संदेश. इसका अंदाज़ा तो अगले मैच से ही लगेगा.
जहां साउथ अफ्रीका ने मौजूदा वर्ल्ड कप में अपना दूसरा सबसे बड़ा स्कोर (9/273) बनाया, वहीं भारत ने इस वर्ल्ड कप में अपना न्यूनतम स्कोर (158) बनाया. यह भारत की न सिर्फ इस वर्ल्ड कप की पहली हार है बल्कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ वर्ल्ड कप के इतिहास की भी पहली हार है.
लीज़ेल मुख्य आकर्षण
मैच का आकर्षण साउथ अफ्रीका की ओपनर लीज़ेल ली रहीं. उन्होंने इंग्लैंड के लीस्टर में चौकों-छक्कों की बरसात कर दी और 65 गेंदों पर 92 रन की ताबड़तोड़ पारी में दस चौके और सात छक्के लगाए. यानी उन्होंने 92 में से 82 रन खड़े-खड़े ही बना लिए. वहीं इसके मुक़ाबले भारतीय बल्लेबाज़ों ने निराश किया और कई ऐसी बुनियादी ग़लतियां की, जिसकी उम्मीद उनसे नहीं की जाती.
ढह गई पारी
इसी वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ सेंचुरी बनाने वाली स्मृति मंधाना शॉर्ट गेंद पर फंसी तो पूनम राउत स्लोअर गेंद पर. मिताली राज जिस गेंद पर आउट हुईं, वह ज़्यादा टर्न नहीं हुई थीं जबकि हरमनप्रीत ने बल्ला पैड एक लाइन में रखा लेकिन वह हल्की उछाल का अंदाज़ा नहीं लगा पाईं.
वेदा कृष्णामूर्ति भी फ्रंटफुट पर गेंद को रोकते-रोकते ही लौट आईं और शिखा फ्लाइट में उलझ गईं. वेदा और शिखा बल्ले का बाहरी किनारा लगने पर आउट हुईं. हालांकि दीप्ति शर्मा (60) और झूलन (43) ने अच्छी संघर्ष क्षमता का परिचय ज़रूर दिया लेकिन साउथ अफ्रीका का स्कोर उनके लिए पहाड़नुमा साबित हुआ.
असहाय गेंदबाज़
इससे पहले साउथ अफ्रीका की ओपनर लीज़ेल ली ने अपने ताबड़तोड़ अंदाज़ से सभी भारतीय गेंदबाज़ों को बैकफुट पर धकेल दिया. उन्होंने पहले तेज़ गेंदबाज़ शिखा पांडे की लय बिगाड़ने की कोशिश की और उनके एक ओवर में दो चौके और एक छक्का लगाकर अपने इरादे ज़ाहिर कर दिए. फिर झूलन के एक ओवर में दो चौके और एक छक्का और फिर एकता बिष्ट पर दो छक्के और एक चौका लगाकर अपने आक्रामक तेवरों का परिचय दिया. उन्होंने ज़्यादातर शॉट्स कवर और मिडविकेट की पोज़ीशन पर खेले.
हालांकि वोल्वाट के शिखा की इनस्विंगर पर जल्दी आउट होने के बाद लीज़ेल ने बखूबी मोर्चा सम्भाला और भारतीय मूल की तृषा छेती के साथ 87 गेंदों पर 91 रन की पार्टनरशिप करके अपनी टीम को मज़बूत आधार दिया. हरमनप्रीत कौर की एक गेंद पर आड़े बल्ले से खेलने का प्रयास करना उन्हें महंगा साबित हुआ और वह एलबीडब्ल्यू आउट हो गईं.
इसके बाद टीम की हर बल्लेबाज़ ने रन गति के साथ कोई समझौता किए बगैर बढ़िया बल्लेबाज़ी करना जारी रखा. कप्तान डी वान नीकर्क और ट्राईऑन ने सातवें विकेट के ले 40 गेंदों पर 49 रन की पार्टनरशिप करके भारत की मुसीबतें बढ़ा दीं. डी वान ने स्वीप, कट और स्ट्रेट ड्राइव लगाकर रन गति को तेज़ी से आगे बढ़ाया. वहीं उनके साथ ट्राईऑन ने एकता बिष्ट पर दो दर्शनीय छक्के लगाए.
सटीक दांव
भारतीय गेंदबाज़ों में शिखा पांडे को मानसी जोशी की जगह खिलाने का दांव सटीक रहा. उन्हें सबसे अधिक तीन विकेट हासिल हुए. उन्होंने शुरुआती ओवरों में शानदार इनस्विंग के बाद दो पुछल्ला बल्लेबाज़ों को बखूबी निपटाया. हरमनप्रीत ने न सिर्फ जमी जमायी बल्लेबाज़ को निपटाया, वहीं क्रीज़ के कोने का अच्छा इस्तेमाल करते हुए अच्छी टर्न से उन्होंने ट्राईऑन को ग़लती करने के लिए मजबूर किया.
बेशक भारत ने साउथ अफ्रीका से इस मैच से पहले आठ में से सात मैच रनों का पीछा करते हुए जीते थे लेकिन साउथ अफ्रीका ने एक तरह से मौके पर चौका लगा दिया. अब भारत का अगला मुक़ाबला पिछली बार के चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया से बुधवार को होगा.