नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) प्रशासन में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ कमेटी का गठन किया था. जिसके बाद कमेटी ने कई सिफारिशों को सुझाया था. लेकिन अभी तक बीसीसीआई इन सिफारिशों को लागू करने के लिए आनाकानी कर रही है. इसी क्रम में बीसीसीआई अब केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की शरण में आ गई है.
बीसीसीआई ने हाल ही में लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के लिए एक सात सदस्य वाली कमेटी का गठन किया है. ईएसपीएन क्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक इस कमेटी ने सिफारिशों को लागू करने के चलते जेटली से मुलाकात की है. इस मुलाकात में जेटली ने क्रिकेट बोर्ड को कई सुझाव भी दिए हैं. जिनसे सुप्रीम कोर्ट की फटकार से बचा जा सकता है.
आपत्ति
रिपोर्ट्स के मुताबिक जेटली ने सलाह दी है कि बीसीसीआई को लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उनको सुप्रीम कोर्ट में सामने रखना है. इसके अलावा बाकि सिफारिशों को स्वीकार कर लेना है. जेटली ने कहा कि ज्यादा बिंदुओं पर आपत्ति दर्ज कराने से सुप्रीम कोर्ट की फटकार का सामना भी करना पड़ सकता है.
जानकारी के मुताबिक बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में एक राज्य-एक वोट, पदाधिकारियों के कार्यकाल में ‘कूलिंग ऑफ’ पीरियड और सिर्फ तीन सदस्यों वाली चयन समिति के मसले पर आपत्ति दर्ज करा सकते है.
बता दें कि काफी वक्त गुजर जाने के बाद भी बीसीसीआई लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू नहीं कर पाई है. अब 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासकों की समिति (COA) को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर अपनी स्टेटस रिपोर्ट सौंपनी है. वहीं दूसरी तरफ सीओए के अध्यक्ष विनोद राय भी ये बात साफ कर चुके हैं कि अगर बोर्ड सिफारिशों को लागू नहीं करता है तो कोर्ट के जरिए आदेश जारी कर इन्हें लागू कराया जाएगा.
ऐसे में कोर्ट के आदेश से बचने का आखिरी रास्ता तलाशते हुए बोर्ड के अधिकारी जेटली के पास पहुंचे. जेटली बार्ड के सीनियर उपाध्यक्ष रह चुके हैं और सुप्रीम कोर्ट के बड़े वकील भी हैं.