नई दिल्ली : भारत सरकार ने एक बार फिर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देते हुए भुवनेश्वर में आयोजित होने वाली 22वीं एशियाई एथलेटिस चैंपियनशिप में पाकिस्तान एथलीटों को हिस्सा लेने के लिए वीजा दे दिया है.
ये चैंपियनशिप 5 से 9 जुलाई के बीच होनी है, ओडिशा सरकार और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने भारत सरकार के इन निर्णय का स्वागत किया है.
एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सचिव सीके वालसन ने भारत सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि हम खुश हैं कि गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी एथलीटों के वीजा को मंजूरी दिलाने में काफी मदद की है. बता दें कि 2008 में मुबंई में हुए 26/11 हमले के बाद आईपीएल ने पाकिस्तानी क्रिकेटरों के खेलने पर एक प्रारंभिक प्रतिबंध लगा दिया गया था. 2012-13 में भारत-पाकिस्तान के बीच आखिरी द्विपक्षीय श्रृंखला खेली गई थी.
गौरतलब है कि इस चैंपियनशिप में पाकिस्तानी एथलीटों के हिस्सा लेने पर संदेह के बादल मंडरा रहे थे क्योंकि उन्हें वीजा नहीं मिला था और पिछले हफ्ते एएफआई अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला भी उनकी भागीदारी की पुष्टि नहीं कर पाए थे.
इस साल जिन खिलाड़ियों को वीजा दिया गया है उन्में एथलीट अरशद नदीम(भाला फेंकना),महबूब अली और नोकार हुसैन(400 मीटर दौड़), असद इकबाल और कार यूनिस शामिल हैं. इस बार की एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सैयाद फयाज हुसैन और मोहम्मद बिलाल दो कोच हैं.
1983 में दिल्ली में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी की थी और फिर 2013 में पुणे में आयोजित हुई इस चैंपियनशिप में पाकिस्तानी एथलीटों ने भाग लिया था. चीन के वुहान में आयोजित पिछली चैंपियनशिप में भारत ने चार स्वर्ण पदक, पांच रजत पदक और चार कांस्य पदक जीते थे.
इस साल आयोजित होने वाली 22 वें एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 45 देशों के 800 से ज्यादा एथलीट भाग लेंगे, बता दें कि जितने वाले विजेताओं को सीधे 4-13 अगस्त को लंदन में आयोजित होने वाली आईएएएफ विश्व चैंपियनशिप में भाग लेने का मौका मिलेगा. पाकिस्तानी टीम तीन जुलाई को वाघा बॉर्डरसे अमृतसर और फिर विमान से भुवनेश्वर पहुंचेगी.