Advertisement
  • होम
  • खेल
  • भारत की लगातार दूसरी जीत में सुनाई दी वर्ल्ड चैंपियन बनने की आहट

भारत की लगातार दूसरी जीत में सुनाई दी वर्ल्ड चैंपियन बनने की आहट

ओपनर स्मृति मंधाना को डर्बी में सेंचुरी पूरी न कर पाने की जो टीस मन ही मना साल रही थी, उसे उन्होंने टॉन्टन में पूरा कर लिया. इस बार सामने थी वेस्टइंडीज़ की टीम.

Advertisement
  • June 29, 2017 4:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली: ओपनर स्मृति मंधाना को डर्बी में सेंचुरी पूरी न कर पाने की जो टीस मन ही मना साल रही थी, उसे उन्होंने टॉन्टन में पूरा कर लिया. इस बार सामने थी वेस्टइंडीज़ की टीम. एक ऐसी टीम, जिसने वर्ल्ड कप में भारत के खिलाफ अपना सर्वाधिक स्कोर (183/8) बनाया मगर इस बात से विचलित हुए बिना उन्होंने न सिर्फ वनडे क्रिकेट की अपनी दूसरी सेंचुरी पूरी की बल्कि कप्तान मिताली राज के साथ तीसरे विकेट के लिए सेंचुरी पार्टनरशिप करके भारत की जीत को आसान बना दिया. 
 
भारत ने वेस्टइंडीज़ को उसी अंदाज़ में धोया, जैसा कि वर्ल्ड कप के पिछले पांच मैचों में धोया था. वेस्टइंडीज़ का वर्ल्ड कप का सबसे बड़ा स्कोर भी भारत के लिए बौना साबित हुआ जिससे भारत ने 45 गेंद और सात विकेट के रहते लक्ष्य पार कर लिया. पहले सुषमा वर्मा की शानदार विकेटकीपंग (3 स्टम्प और 1 कैच) और फिर ओपनर स्मृति मंधाना की एक और अच्छी पारी से भारत के प्रदर्शन में चैम्पियन बनने की आहट सुनाई दी.
 
आतिशी पारी
इन दोनों के साथ कप्तान मिताली राज वनडे मैचों में लगातार आठवीं हाफ सेंचुरी बनाने से केवल चार रनों से चूक गईं. स्मृति मंधाना ने पहले मैच में 72 गेंदों पर 90 रन बनाए थे और इस बार 108 गेंदों पर 106 रन बनाने के साथ ही उन्होंने साबित कर दिया कि वह आतिशी पारी खेलने वाली भारत की सबसे भरोसे की खिलाड़ी हैं. उन्होंने सबसे पहले तेज़ गेंदबाज़ शामिला कोनेल को निशाना बनाया और उन पर कट, ड्राइव और पुल लगाकर वेस्टइंडीज़ के आक्रमण को बैकफुट पर धकेल दिया.
 
आठवीं हाफ सेंचुरी
इसके बाद उन्होंने स्वीप और ग्लांस करने के साथ ही विकेट के चारों ओर स्ट्रोक खेले और किसी भी गेंदबाज़ को नहीं बख्शा. पूनम राउत (0) और दीप्ति शर्मा (6) के विकेट जल्दी खोने के बावजूद उन्होंने भारतीय पारी पर वेस्टइंडीज़ की गेंदबाज़ों के खौफ को हावी नहीं होने दिया और कप्तान मिताली राज ने उनका भरपूर साथ निभाया. हालांकि वह अपनी लगातार आठवीं हाफ सेंचुरी से चूक गईं लेकिन उन्होंने स्मृति के साथ तीसरे विकेट के लिए सेंचुरी पार्टनरशिप करके भारत की जीत का आधार तैयार किया और बाकी का काम स्मृति और मेशराम की 45 रन की असमाप्त भागीदारी से पूरा हो गया. 
 
 
इससे पहले वेस्टइंडीज़ की पारी में उसके बल्लेबाज़ों की अनुभवहीनता सामने आई. जो ग़लती उसके बल्लेबाज़ों ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ की थी, वही भारत के खिलाफ की. गनीमत है कि उसकी बाद की बल्लेबाज़ों – फ्लेचर (23 गेंद पर नॉटआउट 36) और शॉनेल डैली (37 गेंद पर 33) ने अपनी टीम को संकट से उबारकर चुनौतीपूर्ण स्कोर ज़रूर खड़ा कर लिया. वेस्टइंडीज़ का भारत के खिलाफ वर्ल्ड कप में पिछला सर्वाधिक स्कोर 179 था जो उसने मुम्बई के ब्रेबोर्न स्टेडियम में 2013 के वर्ल्ड कप में बनाया था.
 
इस बार वेस्टइंडीज़ का स्कोर एक समय एक विकेट पर 69 रन था लेकिन उसने अगले पांच विकेट केवल 22 रन में खो दिए. भारत के लिए अच्छी बात यह थी कि जो कमियां पिछले मैच में जीत के बावजूद नज़रअंदाज़ हो गई थीं, उसमें भारतीय टीम ने काफी मेहनत की. खासकर विकेटकीपर सुषमा वर्मा ने विकेट के पीछे तीन स्टम्प और एक कैच लपककर सबका दिल जीत लिया.
 
तालमेल
उनका अपनी गेंदबाज़ों के साथ गज़ब का तालमेल दिखाई दिया. पूनम यादव और हरमनप्रीत कौर और दीप्ति शर्मा की गेंदों पर जिस तरह उन्होंने स्टम्पिंग की, वह काबिलेतारीफ थी. तीनों को दो-दो विकेट हासिल हुए. हरमनप्रीत का इंजरी से उबरना भारत के लिए काफी उपयोगी साबित हुआ. 
 
 
जहां भारत की स्टार झूलन गोस्वामी इस बार भी विकेट के लिए जूझती रहीं, वहीं झूलन और शिखा पांडे के अलावा जिस भी गेंदबाज़ को आजमाया गया, वह अपनी भूमिका में खरा उतरा. बाएं हाथ की स्पिनर एकता बिष्ट और लेग ब्रेक बॉलर पूनम यादव ने तो एक तरह से रनों पर पूरी तरह लगाम लगा दी, जिससे वेस्टइंडीज़ की बल्लेबाज़ों पर दबाव आ गया और बाकी की रही सही कसर ऑफ स्पिनर दीप्ति शर्मा और हरमनप्रीत कौर ने पूरी कर दी. 
 
अच्छी शुरुआत
वैसे वेस्टइंडीज़ की शीर्ष क्रम की बल्लेबाज़ों ने टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई. ओपनर हेली मैथ्यूज़ की सात चौकों की मदद से 43 रन की पारी को देखकर ऐसा लगा कि वेस्टइंडीज़ कोई बड़ा धमाका करने जा रही है लेकिन वाल्टर्स और मैथ्यूज़ के विकेट गिरने से यह टीम दबाव में आ गई. वाल्टर्स को एकता ने और आगुरेरा को पूनम यादव ने अपनी फ्लाइट से फंसाया.
 
आगुरेरा और किशोना स्पिन को विपरीत दिशा में खेलने के प्रयास में आउट हुईं जबकि टेलर के रन आउट होने से भारतीय फील्डरों की बल्ले-बल्ले हो गई. हरमनप्रीत की गेंदबाज़ी भारत के लिए बोनस साबित हुई. उन्होंने किशोना और नेशन को जल्दी-जल्दी आउट करके वेस्टइंडीज़ पर दबाव बना दिया. बाद की बल्लेबाज़ों में शानेल डैले ने 37 गेंद पर 33 और फ्लेचर ने 36 रन की आतिशी पारी खेलकर स्थिति को सम्भाल लिया. 

Tags

Advertisement