नई दिल्ली: कहते हैं कि आगाज़ अच्छा हो तो अच्छे अंत की उम्मीद की जा सकती है। जी हां, भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप क्रिकेट का अपना दूसरा सबसे बड़ा स्कोर (281/3) खड़ा किया और इंग्लैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप में अपना सर्वाधिक स्कोर बनाकर यह साबित कर दिया कि वह इस बार काफी अच्छी तैयारी के साथ आई हैं और अपने सामने तीन बार की वर्ल्ड चैम्पियन का कोई मनोवैज्ञानिक असर उस पर नहीं है.
भारत का जो भी बल्लेबाज़ उतरा, उसने कमाल का प्रदर्शन किया। सबसे पहले पूनम राउत और स्मृति मंधाना ने सेंचुरी पार्टनरशिप की. पहले विस्फोटक अंदाज़ में कमान स्मृति ने संभाली. इंजरी से लौटने के बाद महाराष्ट्र के सांगली ज़िले की इस खिलाड़ी ने आत्मविश्वास के साथ खेलते हुए यह साबित कर दिया कि वह स्ट्रोक्स खेलने में अब पूरी तरह से तरोताज़ा हैं.
उन्होंने खासकर ड्राइव और पुल शॉट्स काफी सहजता के साथ खेले. खासकर इंग्लैंड की मुख्य स्ट्राइक गेंदबाज़ अन्या श्रबसोल पर पारी के 24वें ओवर में एक छक्का और तीन चौके सहित कुल 20 रन बनाकर उन्होंने साबित कर दिया कि वह आज टीम की सबसे आतिशी पारी खेलने की हिम्मत रखती हैं.
उन्होंने अपने करियर की सबसे तेज़ हाफ सेंचुरी 45 गेंदों पर पूरी की. उस समय दूसरे छोर पर पूनम राउत लंगर डालकर खेल रही थीं लेकिन स्मृति के आउट होने के बाद उन्होंने अपनी रन गति को तेज़ कर दिया. उन्होंने पहले जीवनदान का फायदा उठाते हुए विकेट के चारों ओर स्ट्रोक खेले. शुरू में उन्होंने कवर और स्कवेयर ड्राइव लगाए और अपनी पारी के आखिरी दौर में उन्होंने फ्लिक शॉट्स सहित लेग साइड पर कई अच्छे स्ट्रोक्स खेले. हालांकि दूसरे जीवनदान के तुरंत बाद उन्हें मैदान से रूखसत होना पड़ा.
इन दोनों के बाद बारी थी टीम की कप्तान मिताली राज की, जिन्होंने वनडे क्रिकेट में लगातार सातवीं हाफ सेंचुरी लगाकर युवा खिलाड़ियों के लिए एक मिसाल क़ायम की. ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी करने से परहेज करते हुए उन्होंने माइकल बेवन स्टाइल में अपनी हाफ सेंचुरी पूरी की. उन्होंने बड़े शाट्स खेलने के लिए कमज़ोर गेंदों का इंतज़ार किया. आखिरी ओवरों में हरमनप्रीत ने मिताली के साथ रनगति को आगे बढ़ाया. इस तरह भारत ने आखिरी दस ओवरों में 74 रन जोड़े. इंग्लैंड अगर इस स्कोर को पार कर लेता है तो यह उसका वर्ल्ड कप में रनों का पीछा करते हुए दूसरा सबसे बड़ा चेज़ होगा.