InKhabar EXCLUSIVE: यूपी के फतेहपुर से कराची गए थे पाकिस्तानी कप्तान के दादा

आज रविवार को चैंपियन्स ट्रॉफी में ब्लॉकबस्टर मुकाबला खेला जाएगा. चैंपियन्स ट्रॉफी के सुपर टेंस फाइनल मुकाबले में भारत और पाकिस्तान जब आमने-सामने उतरेंगे तो भारतीय टीम की जीत की दुआएं मांगने वालों में और कोई नहीं बल्कि पाकिस्तानी टीम के कप्तान सरफराज अहमद के अपने मामा भी होंगे.

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InKhabar EXCLUSIVE: यूपी के फतेहपुर से कराची गए थे पाकिस्तानी कप्तान के दादा

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  • June 18, 2017 1:48 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago
लंदन : आज रविवार को चैंपियन्स ट्रॉफी में ब्लॉकबस्टर मुकाबला खेला जाएगा. चैंपियन्स ट्रॉफी के सुपर टेंस फाइनल मुकाबले में भारत और पाकिस्तान जब आमने-सामने उतरेंगे तो भारतीय टीम की जीत की दुआएं मांगने वालों में और कोई नहीं बल्कि पाकिस्तानी टीम के कप्तान सरफराज अहमद के अपने मामा भी होंगे.
 
सरफराज के मामा महबूब हसन ने इनखबर टीम को फोन पर बताया कि सरफराज के दादा उत्तर प्रदेश के फतेहपुर इलाके में रहते थे और जब देश का बंटवारा हुआ तो वो लोग पाकिस्तान के कराची शहर में जाकर बस गए. यानी, सरफराज अहमद की जड़ यूपी के फतेहपुर में है हालांकि अब उनके परिवार का कोई निकटतम सदस्य फतेहपुर में नहीं रहता. उनके मामा हैं जो इटावा में हैं.
 
 
पाकिस्तानी कप्तान सरफराज अहमद के मामा यानी उनकी मां के भाई उत्तर प्रदेश के इटावा शहर में रहते हैं. इटावा के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में हेड क्लर्क महबूब हसन सरफराज की मां के अपने भाई हैं. सरफराज अक्सर अपने मामा से बात करते हैं.
 
इनखबर टीम ने जब महबूब हसन से संडे के फाइनल मैच में उनकी साइड पर सवाल किया तो बोले कि महबूब हसन ने कहा कि संडे का मैच विराट कोहली की अगुवाई वाली भारतीय टीम ही जीतेगी क्योंकि भारतीय टीम का प्रदर्शन पाकिस्तानी टीम के खिलाड़ियों पर बहुत भारी है. महबूब ने कहा कि भारतीय टीम बहुत मजबूत है और उनके भांजे की टीम विराट की टीम के सामने कहीं टिकती ही नहीं है.
 
 
वहीं एक टीम को स्पोर्ट करने के सवाल पर महबूब हसन बोले “अरे हम तो हिन्दुस्तानी हैं. हमारी टीम बहुत अच्छा खेल रही है. हमारी टीम बहुत शानदार है. ठीक है कि वो हमारा भांजा है और उसने अच्छा खेला है इसलिए उसे पाकिस्तान ने अपनी टीम का कप्तान बनाया गया है लेकिन हमारी टीम उसकी टीम से बहुत ज्यादा अच्छी है.”
  
बता दें कि 22 मई, 1987 को कराची में पैदा हुआ सरफराज को लोग प्यार से सैफी बुलाते हैं. सरफराज के पिता शकील अहमद कराची के बड़े पब्लिशर थे जिनके पब्लिशिंग हाउस का नाम शकील ब्रदर्स है.
 
30 साल के सरफराज ने क्रिकेट में आने से पहले सरफराज ने इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेड में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. 2015 में सरफराज का निकाह सईदा खुशबख्त शाह से हुआ. दोनों को इसी साल फरवरी में बेटा हुआ है जिस महीने सरफराज वनडे टीम के कप्तान भी बनाए गए.
  
महज 10 साल की उम्र में कुरान को याद कर लेने वाले सरफराज ने 2006 में भारत की अंडर-19 टीम को हराने वाली पाकिस्तानी टीम की कप्तानी की थी. इंटरनेशनल वनडे में सरफराज ने पहला मैच 2007 में भारत के खिलाफ ही खेला था. सरफराज को पाकिस्तानी टीम का ट्वेंटी-20 कप्तान 2016 में और वनडे कप्तान इसी साल फरवरी में बनाया गया.
 
  
वहीं दूसरी ओर जब पाकिस्तानी टीम ने जब इंग्लैंड को सेमीफाइनल में हराया तो प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरफराज के इस बयान का जब सोशल मीडिया पर मजाक उड़ाया गया कि क्या ‘सारे (पत्रकार) अग्रेजी वाले हैं’ तो उस पोस्ट के खिलाफ पाकिस्तान के साथ-साथ भारत के लोगों ने भी गुस्से का इजहार किया और उस पोस्ट को डिलीट करना पड़ा.

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