नई दिल्ली : अचानक पाकिस्तान की पैसेंजर ट्रेन सुपर फास्ट बन गई और साउथ अफ्रीका की सुपर फास्ट ट्रेन पैसेंजर बनकर रह गई. इस दौरान साउथ अफ्रीका के लिए इंद्रदेवता खलनायक साबित हुए और पाकिस्तान ने डकवर्थ लुइस से 19 रन से मैच जीतकर पहली जीत दर्ज करके चैम्पियंस ट्रॉफी को रोमांचक बना दिया.
पाकिस्तान की ओर से पहले रिवर्स स्विंग और फिर उसके बल्लेबाज़ों के खासकर स्क्वेयर कट बेहद दर्शनीय रहे और बारिश की वजह से पाकिस्तान की पारी के 27 ओवर के बाद खेल रुकने के समय साउथ अफ्रीकी टीम को निराशा हाथ लगी. क्योंकि डकवर्थ लुइस नियम के तहत इतने ओवरों के बाद जीत के लिए पाकिस्तान को सौ रन चाहिए थे लेकिन उसने तब तक लक्ष्य से 19 रन ज़्यादा बनाए.
इस बार साउथ अफ्रीकी टीम में डेविड मिलर अकेले पड़ गए और गेंदबाज़ी में मोर्ने मोर्कल और इमरान ताहिर को छोड़कर उसके पास एक भी ऐसा गेंदबाज़ नहीं था, जो अहं मौके पर मैच विनर बन पाता. वहीं शानदार गेंदबाज़ी के बाद पहला विकेट जल्दी गंवाने के बावजूद पाकिस्तान की युवा ब्रिगेड कारगर असरदार साबित हुई. अहमद शहज़ाद की जगह शामिल किए गए फखर ज़मां ने ताबड़तोड़ शुरुआत देकर साबित कर दिया कि वह कायदे आज़म ट्रॉफी की शानदार फॉर्म को इंटरनैशनल क्रिकेट में भी बरकरार रखने का माद्दा रखते हैं.
बाबर आज़म ने भी दिखा दिया कि आखिर उन्हें क्यों पाकिस्तान की बल्लेबाज़ी की रीढ़ कहा जाता है. पाकिस्तान के कप्तान सरफराज़ अहमद का हर दांव सही साबित होता चला गया, वहीं डिविलियर्स के फैसले उल्टे साबित होते गए.
इससे पहले किंग्स इलेवन, पंजाब के बल्लेबाज़ डेविड मिलर ने क्रीज़ पर लंगर डालकर लगातार अच्छी बल्लेबाज़ी की. मगर उन्हें बाकी बल्लेबाज़ों से पर्याप्त सहयोग नहीं मिल पाया. सच तो यह है कि इस मैच में साउथ अफ्रीकी टीम की योजनाएं धरी की धरी रह गईं.
खासकर उस समय जबकि पाकिस्तान के तीनों पेसर कसी हुई गेंदबाज़ी कर रहे थे और दूसरे छोर से स्पिनरों ने शुरुआती तीन विकेट चटकाकर दबाव बना दिया. ऐसे समय में साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज़ों को ज़्यादा से ज़्यादा सिंगल्स लेकर दबाव कम करना चाहिए था. मगर पहले 35 ओवर में 120 डॉट गेंदें खेलकर उन्होंने पाकिस्तानी गेंदबाज़ों को खुद पर हावी होने का मौका दे दिया. वहीं तारीफ करनी होगी पाकिस्तान की गेंदबाज़ी की, जहां उसके स्पिनरों ने आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए शुरुआती ओवरों में विकेट चटकाने का काम किया, वहीं तीनों तेज़ गेंदबाज़ों ने यॉर्कर या फुल लेंग्थ गेंदबाज़ी पर ध्यान केंद्रित किया.
आलम यह था कि आखिरी ओवरों में भी साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज़ों को बाउंड्री सहजता से नहीं मिल पा रही थी. यहां तक कि आखिरी ओवर में भी हसन ने चार डॉट गेंदें फेंकी, जबकि उनके सामने मिलर जैसा धाकड़ बल्लेबाज़ मौजूद था. टूर्नामेंट में पहली बार रिवर्स स्विंग देखने को मिली। पाकिस्तानी गेंदबाज़ों ने इसका भरपूर फायदा उठाते हुए न सिर्फ साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज़ों पर लगातार दबाव बनाया बल्कि विकेट भी चटकाए.
अब साउथ अफ्रीका का भारत के साथ 11 जून को केनिंगटन ओवल में खेला जाने वाला मुक़ाबला बेहद दिलचस्प हो गया है. वहीं इससे अगले दिन श्रीलंका के साथ होने वाले मुक़ाबले पर भी पाकिस्तान की उम्मीदें टिकी होंगी. वहीं आज श्रीलंका के साथ होने वाले मुक़ाबले को जीतने के बाद भारत सेमीफाइनल में अपना स्थान पक्का कर लेगा.