नई दिल्ली : विराट कोहली अब सचिन तेंदुलकर, पुलैला गोपीचंद, अर्जुन रणतुंगा और हाशिम अमला की बिरादरी में शामिल हो गए हैं. जी हां, न तो उन्होंने अपना खेल बदला है और न ही देश…इन सब दिग्गजों में एक ही कॉमन बात है, जिसमें अब विराट भी शामिल हो गए हैं.
विराट अब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक किसी भी प्रोडक्ट का प्रचार नहीं करेंगे. इसके लिए उन्होंने कोला ड्रिंक को न कह दी है. उनका कभी पेप्सी से 30 अप्रैल तक करार था. इसे आगे बढ़ाने के लिए पेप्सी की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे थे.
यहां तक कि कम्पनी उन्हें प्रतिदिन के हिसाब से मोटी राशि देने को तैयार थी, जो उनकी पिछली करार राशि से कहीं अधिक थी. मगर विराट ने इस पेशकश को सिरे से ठुकरा दिया है. उनका कहना है कि चीनी और कार्बोनेट पेय पदार्थों का सेहत पर बुरा असर पड़ता है. ये चीज़े किसी खिलाड़ी के लिए मुफीद नहीं हैं. यहां तक कि सामान्य जनता को भी ऐसे पदार्थों से बचना चाहिए.
विराट का पेप्सी के साथ छह साल का करार था. इस बारे में बड़ी पहल पुलैला गोपीचंद ने की थी. वह 2001 में ऑल इंग्लैंड चैम्पियन बने थे लेकिन उन्होंने सॉफ्ट ड्रिंक जैसी चीज़ें 1997 में ही छोड़ दी थीं. उन्होंने इसके साथ ही सिगरेट ब्रांड को भी न कह दी थी.
20 करोड़ की पेशकश ठुकराई
इसी तरह सचिन तेंडुलकर ने शराब के विज्ञापन की पेशकश ठुकरा दी थी जबकि इसके लिए उन्हें हर साल 20 करोड़ रुपये मिलने वाले थे. तब सचिन ने भी कहा था कि वे ऐसे किसी प्रोडक्ट का प्रचार नहीं करेंगे जिसका सेहत पर उल्टा असर पड़ता हो जबकि सचिन इससे पहले कोला प्रोडक्ट से लम्बे समय से जुड़े रहे.
इस्लाम के खिलाफ
साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज़ हाशिम अमला ने तो खुलकर कहा है कि बीयर-शराब आदि चीज़ों का प्रचार इस्लाम की भावनाओं के खिलाफ है. उन्होंने कैस्टल लोगो का इस्तेमाल अपने कपड़ों पर लगाने के लिए मना कर दिया था. एक मौके पर तो उन्होंने इसके लिए 500 डॉलर का जुर्माना भी भुगता. पाकिस्तान के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ वसीम अकरम को एल्कोहल कम्पनी का प्रचार करना महंगा साबित हुआ और वह इसके लिए कई संगठनों के निशाने पर आ गए.
IPL भी बच नहीं सका
दुनिया भर में तमाम खेलों के आयोजनों में शराब बनाने वाली कम्पनियों के विज्ञापनों का प्रचार होता रहा है. यहां तक कि आईपीएल का आयोजन भी इससे बच नहीं सका है. रॉयल चैलेंजर्स, बैंगलोर का लोगो खिलाड़ियों को अपनी शर्ट के फ्रंट में लगाना अनिवार्य था. इसी तरह राजस्थान रॉयल्स ने भी खिलाड़ियों की जर्सियों पर शराब कम्पनी का प्रचार किया.
मगर गोपीचंद, सचिन, रणतुंगा और अमला के बाद विराट कोहली की इस दिशा में पहल स्वागत योग्य है. खबर तो यहां तक है कि विराट की कोहली फाउंडेशन नामक कम्पनी अब देश में चैरिटी के कामों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है और उसने इस बारे में एक मास्टर प्लान भी तैयार किया है और इसकी शुरुआत इंग्लैंड दौरे से ही कर दी गई है. सम्भव है कि विराट के स्वदेश लौटने के बाद देश में चैरिटी के कामों में उल्लेखनीय प्रगति देखने को मिले.