नई दिल्ली: वीरेंद्र सहवाग को टीम इंडिया का कोच बनाने के लिए बीसीसीआई ने बिसात बिछा दी है. ऐसा समझा जाता है कि बोर्ड के कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को इस काम के लिए लगाया गया है, जिनके कहने पर ही सहवाग ने इस पद के लिए आवेदन किया है.
हरियाणा की पहल
ज़ाहिर है कि इस समय सब कुछ सहवाग के पक्ष में है. बीसीसीआई भी, क्रिकेट सलाहकार कमिटी भी और कप्तान विराट कोहली भी. दरअसल, सहवाग ने अपने करियर के आखिरी दौर में रणजी ट्रॉफी के मुक़ाबले हरियाणा से खेले हैं और अनिरुद्ध चौधरी हरियाणा क्रिकेट के सर्वेसर्वा हैं. उन्होंने ही बीसीसीआई में उनके लिए ग्राउंड तैयार किया है.
वहीं बोर्ड खिलाड़ियों के भत्तों और उनके पारिश्रमिक को लेकर दबाव डालने के लिए कुम्बले से बेहद नाराज़ है. समझा जाता है कि बोर्ड के अधिकारियों ने ही विराट और कुम्बले के बीच विवाद पैदा करने का मामला उछाला है. इसका नतीजा यह हुआ है कि कुम्बले बोर्ड मौजूदा घटनाक्रम से बहुत नाराज़ है और वह 18 जून को चैम्पियंस ट्रॉफी के समाप्त होने के बाद अपना करार बढ़ाने को लेकर इच्छुक नहीं हैं. मौजूदा घटनाक्रम को देखते हुए ही बोर्ड ने अनिरुद्ध चौधरी को इस काम के लिए लगाया है क्योंकि राहुल द्रविड़ सीनियर टीम के साथ जुड़ने में इच्छुक नहीं हैं.
वीरू को तैयार किया गया
उधर सहवाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सहवाग इस पद के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे. कोच के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख तक वह आवेदन करने के लिए तैयार नहीं हुए थे. विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि सहवाग ने 31 तारीख की देर रात इस पद के लिए आवेदन किया.
उन्हें पहले ही बता दिया गया था कि रवि शास्त्री ने इस पद के लिए आवेदन नहीं किया है क्योंकि वह जानते हैं कि क्रिकेट सलाहकार समिति में शामिल सौरभ गांगुली रवि शास्त्री के पक्ष में नहीं हैं और उन्हें वीवीएस लक्ष्मण से भी समर्थन मिलने की उम्मीद नहीं थी. समिति के तीसरे सदस्य सचिन हैं. इन तीनों ने ही शास्त्री की जगह कुम्बले की नियुक्ति को हरी झंडी दिखाई थी.
बिग थ्री की पसंद
इस समिति में लक्ष्मण की सहवाग से निकटता जगज़ाहिर है. धोनी के खिलाफ सहवाग का साथ टीम में लक्ष्मण ने ही सबसे पहले दिया था. सहवाग को टीम इंडिया में मौके गांगुली ने ही बतौर कप्तान दिए थे. वहीं सचिन वीरू के ज़बर्दस्त मुरीद हैं. वह तो यहां तक कह चुके हैं कि उनका बेटा उनके बजाय सहवाग की बल्लेबाज़ी देखना ज़्यादा पसंद करता है. इन तीनों को ही नए कोच को चुनना है.
बाकी आवेदनकर्ता हाशिये पर
ऐसी स्थिति में इस बात का कोई मतलब नहीं रह जाता कि इस पद के लिए रिचर्ड पायबस और लालचंद राजपूत जैसे धाकड़ लोगों ने भी आवेदन किया है. रिचर्ड पाकिस्तान और बांग्लादेश के पूर्व कोच रह चुके हैं और आजकल वेस्टइंडीज़ क्रिकेट बोर्ड के क्रिकेट डायरेक्टर हैं. वहीं लालचंद राजपूत के पास न सिर्फ कोचिंग का डिप्लोमा है, बल्कि वह इंडिया ए के कोच भी हैं. वहीं भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ डोडा गणेश और आईपीएल में सनराइजरर्स, हैदराबाद से जुड़े ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ऑलराउंडर टॉम मूडी का दावा सहवाग के सामने काफी कमज़ोर हो जाता है.