एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप के 21 पदक विजेताओं पर होगी नजर

एशियाई कुश्ती का सफर चार साल बाद नई दिल्ली लौट आया है. तब भारत को अमित और अमित धनकड़ के गोल्ड मेडल सहित कुल नौ पदक हासिल हुए थे. उनमें ब्रॉन्ज़ मेडल जीतने वाली विनेश और ज्योति ही ऐसी खिलाड़ी हैं जो मौजूदा टीम का हिस्सा हैं.

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एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप के 21 पदक विजेताओं पर होगी नजर

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  • May 8, 2017 2:17 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : एशियाई कुश्ती का सफर चार साल बाद नई दिल्ली लौट आया है. तब भारत को अमित और अमित धनकड़ के गोल्ड मेडल सहित कुल नौ पदक हासिल हुए थे. उनमें ब्रॉन्ज़ मेडल जीतने वाली विनेश और ज्योति ही ऐसी खिलाड़ी हैं जो मौजूदा टीम का हिस्सा हैं. इसके अलावा हर किसी की निगाहें ओलिम्पिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक, किर्गिस्तान की टिनिबेकोवा एसूलू और वर्ल्ड चैम्पियन चीन की पेई शिंगरू पर होंगी. प्रतियोगिता में ओलिम्पिक और वर्ल्ड चैम्पियनशिप के कुल 21 पदक विजेता मुख्य आकर्षण होंगे. इनमें पीडब्ल्यूएल के कई स्टार खिलाड़ी शामिल हैं.
 
 
दरअसल साक्षी और एसूलू के बीच रियो ओलिम्पिक में ब्रॉन्ज़ मेडल का मुक़ाबला खेला गया था, जहां एसूलू 5-0 की बढ़त के बावजूद मुक़ाबला जीत नहीं पाई थीं. एसूलू ओलिम्पिक में भाग लेने वाली किर्गिस्तान की पहली महिला खिलाड़ी हैं. उन्होंने रियो से पहले लंदन ओलिम्पिक में भी किस्मत आजमाई थी लेकिन वह चार एशियाई चैम्पियनशिप में कांस्य से आगे नहीं बढ़ पाई हैं. वहीं साक्षी मलिक का लक्ष्य एशियाई चैम्पियनशिप के अपने कांस्य पदक के प्रदर्शन में सुधार करना होगा, जो उन्होंने 2015 में दोहा में हासिल किया था. इसके अलावा चीन की पेई शिंगरू की चुनौती को पार पाना दोनों के लिए मुश्किल होगा क्योंकि शिंगरू मौजूदा वर्ल्ड चैम्पियन हैं और उन्होंने बुडापेस्ट में पिछले साल वर्ल्ड चैम्पियनशिप में गो ल्ड मेडल हासिल किया था। ऐसे में इस वजन में ड्रॉ काफी मायने रखेगा. 
 
साक्षी के पति सत्यव्रत कादियान को 97 किलो में उज्बेकिस्तान के इब्रागिमोव मैगमोद इदिसोविच की चुनौती का सामना करना पड़ेगा, जो रियो ओलिम्पिक के ब्रॉन्ज़ मेडलिस्ट हैं. पीडब्ल्यूएल में हरियाणा हैमर्स के स्टार संदीप तोमर मौजूदा भारतीय दल के एकमात्र एशियाई चैम्पियन हैं. उन्हें तख्ती कप के पूर्व चैम्पियन ईरान के सरमस्ती दिगाजी और रियो में भाग ले चुके कज़ाकिस्तान के सानायेव नुरिस्लान से कड़ी टक्कर मिल सकती है. 65 किलो में दिल्ली सुल्तांस के बजरंग के लिए रियो में भाग ले चुके और पिछले चैम्पियन ईरान के मेइसम नसीरी और चीन के यीरलान कतई कड़े प्रतिद्वंद्वी हैं. 
 
हालांकि हाल के बुल्गारिया दौरे में बजरंग ने सिल्वर मेडल जीतकर बड़ी उम्मीदें ज़ाहिर की हैं. 70 किलो में जयपुर निंजास के स्टार विनोद पिछले रनर्स अप हैं. उनके वजन में रियो ओलिम्पिक के ब्रॉन्ज़ मेडलिस्ट और वर्ल्ड चैम्पियनशिप के सिल्वर मेडलिस्ट नवरूज़ोव इखतियोर हैं जो वजन बढ़ाकर इसमें भाग ले रहे हैं. नवरूज़ोव पीडब्ल्यूएल सीज़न-1 में दिल्ली वीर की ओर से खेले थे।.
 
74 किलो में भारत की नई सनसनी और एनसीआर पंजाब रॉयल्स के जितेंद्र के सामने तख्ती कप के पदक विजेता बहमान तेमोरी और एशियाई खेलों के चैम्पियन उज्बेकिस्तन के ए. बेकज़ोद हैं जिन्होंने रियो में तीन बार के वर्ल्ड चैम्पियन और 2012 के ओलिम्पिक चैम्पियन जोर्डन बुरो को हराकर सनसनी फैला दी थी.
 
महिलाओं में रितु फोगट ने पिछले दिनों बुल्गारिया में ब्रॉन्ज़ मेडल जीता था. पिछली चैम्पियन चीन की सुन यनान उन्हीं के वजन में हैं. रितु पीडब्लयूएल की सबसे महंगी भारतीय महिला पहलवान थीं. 53 किलो में पिंकी के वजन में वर्ल्ड चैम्पियन जापान की मुकैदा मायू, रियो ओलिम्पिक की मेडलिस्ट और एशियाई चैम्पियन चीन की सुन यनान हैं. उनके अलावा रियो में पांचवें स्थान पर रहीं कज़ाकिस्तान की एशिमोवा एइगुल भी इस वजन में मज़बूत दावेदार हैं.    
 
55 किलो में विनेश ओलिम्पिक के बाद वापसी कर रही हैं. वह बहुत ही समझदारी के साथ पहली बार 55 किलो में भाग ले रही हैं क्योंकि वह जानती हैं कि 53 किलो में बहुत मुश्किल चुनौती होगी. विनेश पीडब्ल्यूएल के सीज़न-1 की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी थीं. 60 किलो मे सरिता का पाला रियो ओलिम्पिक की गोल्ड मेडलिस्ट जापान की रिसाको कवई और पिछली ब्रॉन्ज़ मेडलिस्ट चीन की झाओ झांगतिंग से पड़ सकता है.
 
63 किलो में रितु मलिक के वजन में वर्ल्ड चैम्पियन मंगोलिया की सोरज़ोनबोल्ड वात्सेत्सेग हैं तो 69 किलो में जूनियर से सीनियर में आईं दिव्या काकरान के वजन में रियो ओलिम्पिक की गोल्ड मेडलिस्ट जापान की सारा दोशो, रियो की ही ब्रॉन्ज़ मेडलिस्ट सिज़दीकोवा एल्मिरा और वर्ल्ड चैम्पियनशिप की सिल्वर मेडलिस्ट चीन की झाऊ फेंग हैं. 75 किलो में ज्योति को अपने पिछले कांस्य पदक के रंग को बदलने की चुनौती है।. उन्होंने पीडब्ल्यूएल सीज़न-2 में खेल चुकीं किरण को ट्रायल में हराया है। उन्हें भी विनेश जैसा फायदा हो सकता है.
 
ग्रीकोरोमन शैली की कुश्ती में भारतीय दल में हरदीप के रूप में एकमात्र ओलिम्पियन हैं जो पिछली एशियाई चैम्पियनशिप के सिल्वर मेडलिस्ट हैं. उन्हें पिछली एशियाई चैम्पियनशिप में सिल्वर और नवीन कुमार को ब्रॉन्ज़ मेडल हासिल हुआ था. इसके अलावा 66 किलो में रवींद्र के पास अंतरराष्ट्रीय कुश्तियों का लम्बा अनुभव है.

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