नई दिल्ली : यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने कुश्ती में कुछ ऐसे बदलाव किए हैं, जिससे अब पहले से ज़्यादा अंक और ज़्यादा नॉन स्टॉप एक्शन देखने को मिलेगा. नए नियमों में अटैकिंग पहलवानों को ज़्यादा अंक बनाने के अवसर होंगे और साथ ही निष्क्रिय लड़ने वाले पहलवानों को ज़्यादा अंक गंवाने पड़ेंगे.
ओलिम्पिक पदक विजेता मारवा आमरी और मारिया स्टैडनिक ने नए नियमों का स्वागत करते हुए इसका श्रेय पीडब्ल्यूएल को दिया है. नए नियम अगले महीने यहां होने वाली एशियाई चैम्पियनशिप में लागू किए जाएंगे.
अब पांच अंक
बुल्गारिया में लगे रेफरियों के दो दिन के क्लीनिक में ये नियम पहली बार सबके सामने रखे गए और फिर इन नियमों के बारे में आस्ताना (कज़ाकिस्तान) में लगे क्लीनिक में भी विस्तार से बताया गया।. बुल्गारिया में क्लीनिक में भाग लेकर लौटे वन एस श्रेणी के रेफरी अशोक कुमार ने कहा कि अब खड़ी पोज़ीशन पर विपक्षी को गिराकर डेंजर पोज़ीशन पर लाने के लिए पांच अंक दिए जाएंगे. पहले इसके लिए चार अंक दिए जाते थे. इसी तरह खड़ी पोज़ीशन में गिराने पर डेंजर स्थिति न होने पर दो अंक ही दिए जाएंगे.
रियो ओलिम्पिक की कांस्य पदक विजेता मारवा आमरी ने कहा कि पहले ज़्यादातर पहलवान चार अंक की तकनीक लगाने के बजाय दो-दो अंक की तकनीक दो बार लगाने को तरजीह देते थे लेकिन अब एक अंक अधिक मिलने पर पांच अंक की तकनीक ज़्यादा देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूएल में पहलवानों के ज़्यादा अंक हासिल करने से दर्शक काफी रोमांचित हुए थे. उन्होंने उम्मीद ज़ाहिर की कि अब दुनिया भर के दर्शकों के इसी तरह रोमांचित होने की बारी है.
कॉशन पर दो अंक
ओलिम्पिक की कुश्ती स्पर्धा में अब तक के इकलौते भारतीय रेफरी अशोक कुमार ने कहा कि फ्रीस्टाइल शैली की कुश्ती में हुए बदलाव ग्रीकोरोमन शैली की कुश्ती से प्रभावित हैं जिनमें खेल को और आक्रामक बनाने की कोशिश की गई है. उन्होंने कहा कि एक्टिविटी टाइम खत्म होने के बाद भी कुश्ती को अब रोका नहीं जाएगा. पहले एक्टिविटी टाइम खत्म होने के बाद एक कॉशन और एक अंक दिया जाता था. अब ऐसी स्थिति में कॉशन के बजाय केवल अंक दिया जाएगा.
इसके अलावा निष्क्रियता या पीछे हटने आदि के लिए दिए जाने वाले कॉशन पर अब एक नहीं, दो अंक दिए जाएंगे. ओलिम्पिक में अब तक तीन पदक जीत चुकीं मारिया स्टैडनिक ने कहा कि हमने पीडब्ल्यूएल में भी देखा है कि दर्शक ढीली ढाली कुश्ती लड़ने वाले पहलवान को पसंद नहीं करते थे. अब ऐसी कुश्ती लड़ने वालों के लिए सज़ा बढ़ा दी गई है इसलिए सम्भव है कि अब धीमी कुश्ती लड़ने वाला पहलवान या तो मैदान छोड़ देगा या वह भी आक्रामक होकर लड़ेगा.
मेडिकल टाइम के लिए 4 मिनट
इतना ही नहीं पहले मेडिकल टाइम की कोई सीमा नहीं थी. उसके लिए काफी समय की बर्बादी होती थी. अब इसके लिए पूरे मुक़ाबले में अधिकतम चार मिनट तय किए गए हैं. मेडिकल टाइम कई बार लिया जा सकता है लेकिन कुल अवधि चार मिनट ही रहेगी. मतलब यह कि अगर आपने एक मौके पर मेडिकल टाइम के लिए तीन मिनट खर्च किए हैं तो अन्य मौके पर इसके लिए केवल एक मिनट का ही लाभ उठाया जा सकता है.
अशोक कुमार ने कहा कि अब ओलिम्पिक और वर्ल्ड चैम्पियनशिप जैसे बड़े आयोजनों में बटन दबाकर विरोध दर्ज किया जा सकेगा. महाद्वीपीय प्रतियोगिताओं के बारे में यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग का कहना है कि यदि सम्भव हो तो इन प्रतियोगिताओं में भी ऐसा किया जा सकता है.
बाकी दो दिन का फॉर्मेट, आठ के बजाय दस वजन आदि का नियम अगले साल एक जनवरी से शुरू होगा. जुलाई में होने वाली यूरोपीय कैडेट और सितम्बर में होने वाली वर्ल्ड कैडेट कुश्तियों में इन्हें ट्रायल के तौर पर शामिल किया जाएगा.