नई दिल्ली: एक समय था जब क्रिस गेल खासकर टी-20 क्रिकेट में आतंक का पर्याय हुआ करते थे. आलम यह था कि जितना स्कोर टीम को जीतने के लिए काफी होता था, उतना स्कोर वह अकेले (175) ही बना देते थे. कई मौकों पर तो उन्होंने बल्ले से ही नहीं गेंद से भी करिश्मा दिखाया है. मगर आज सब उल्टा हो गया है. उनका बल्ला उनसे रूठ गया है. गेंदबाज़ी उन्हें दी नहीं जाती. आईपीएल से पहले पाकिस्तान सुपर लीग और अन्य टूर्नामेंटों में यही स्थिति बनी रही.
इस बार फ्लॉप-शो
आईपीएल सीज़न 10 में क्रिस गेल तीन मैच खेले हैं, जिनमें उनका सर्वाधिक स्कोर 32 रन रहा है. यहां तक कि डिविलियर्स को खिलाने के लिए उन्हें किंग्स इलेवन, पंजाब के खिलाफ बाहर भी बैठना पड़ा है. मुम्बई इंडियंस के खिलाफ तो उनका स्ट्राइक रेट सौ से भी नीचे चला गया. सच तो यह है कि वह आज अपनी बल्लेबाज़ी से जूझ रहे हैं. 2015 के वर्ल्ड कप के बाद से उन्होंने वनडे क्रिकेट नहीं खेला और पिछले साल खेले टी-20 वर्ल्ड कप के बाद उन्हें कोई भी इंटरनैशनल मैच खेलने को नहीं मिला.
PSL में भी नहीं चले
पाकिस्तान सुपर लीग में पिछले दिनों उनके बल्ले से नौ मैचों में केवल 160 रन बने और उनका औसत 17.77 रन प्रति पारी का रहा. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट गिरकर 115 तक पहुंच गया, जबकि उनका करियर स्ट्राइक रेट 150 के आस-पास है और कई मैचों में तो उन्होंने 200 से ज़्यादा के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी करके कई मैच अपनी टीम को जिताए हैं.
गेल अपनी टीम कराची किंग्स पर बोझ साबित हुए. पिछले साल आईपीएल में उन्होंने दस पारियों में 227 रन बनाए यानी 22.70 के औसत से आज ज़्यादातर टीमें उन्हें विपक्षी टीम पर दबाव बनाने के लिए अपनी टीम में शामिल कर रही हैं. ये टीमें जानती हैं कि गेल आज वन मैन आर्मी नहीं रहे. उनसे ज़्यादा अच्छी बल्लेबाज़ी तो भारत में कई युवा खिलाड़ी आईपीएल में कर रहे हैं.
फुटवर्क में गड़बड़ी
तकनीकी तौर पर दो बड़ी कमियां उनकी बल्लेबाज़ी में देखने को मिल रही है. एक, उनका फुटवर्क अब पहले जैसा कारगर नहीं रहा. गेंद की लाइन में वह ज़रूर आते हैं लेकिन उसके बाद खराब फुटवर्क से उनका सारा खेल चौपट हो जाता है. दूसरे, उनके रिफ्लेक्सेज़ भी पहले जैसे नहीं रहे, जिससे उनके शॉट मिस-टाइम होने लगे हैं. यही वजह है कि किंग्स के खिलाफ मैच में उन्हें बाहर बैठना पड़ा था.
टीम प्रबंधन उनको खिलाने की खातिर डिविलियर्स जैसे धाकड़ बल्लेबाज़ को बाहर बिठाने का जोखिम नहीं उठा सकता. अगर यही सिलसिला चलता रहा तो उन्हें लम्बे समय तक टीम से अपनी जगह तक गंवानी पड़ सकती है.
यह सच है कि गेल टी-20 क्रिकेट में दस हज़ार रन पूरा करने का रिकॉर्ड पूरा करने के बेहद करीब हैं. उनसे आज भी उनकी टीम पहले जैसे करिश्मे की उम्मीद कर रही है. अगर गेल आरसीबी की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे तो इतना तय है कि उन्हें अपनी जगह गंवानी पड़ सकती है या फिर ऐसा भी सम्भव है कि वह हालिया फॉर्म की तरह इस आईपीएल में भी औसत दर्जे के खिलाड़ी ही साबित हों.