पानीपत: जम्मू-कश्मीर में सेना की जीप के सामने बंधे कश्मीरी युवक पर रेसलर योगेश्वर दत्त ने है कि पहले बाढ़ से बचाओ, फिर पत्थर खाओ तब तक कुछ लोगों को परेशानी नहीं है, अब जब सेना ने मारा नहीं केवल हाथ-पैर बांध दिए तो चिंताजनक स्थिती हो गई. उन्होंने सेना के आलोचकों को भी करारा जवाब देते हुए कहा कि हरियाणा में हर घर से एक बेटा सेना में जाता है.
ओलिंपिक मेडल विजेता ने ट्वीट करते हुए लिखा कि जो लोग पूछ रहे हैं कि कौन कितनी बार कश्मीर गया है, तो मैं पहले बता दूं कि मैं एसी रूम में बैठ कर सनसनी नहीं फैलाता, हरियाणा के हर घर से एक सेना में जाता है. बाढ़ आई तो सेना चाहिए, उसके बाद एहसानफरामोशी तो देखो इन कायरो की. अनुशासित सेना है वरना इतने पर तो आम आदमी भी पलट कर मारता. शर्मनाक है ये सब.
दत्त ने आगे ट्वीट करते हुए लिखा कि बाढ़ से बचाओ, उसके बाद पत्थर खाओ तब तक कुछ लोगो को परेशानी नहीं है अब जब सेना ने मारा नहीं बस हाथ-पैर बांध दिए तो चिंताजनक स्थिति हो गई. जब ऐसी स्थिति देखते है तो पड़ोस के बचपन के साथियों के लिए मन ख़राब होता है. देश के सम्मान बचाते हुए अपना मानमर्दन हो रहा है.
गौतम गंभीर और सहवाग ने भी दिया सेना का साथ
गंभीर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मेरी सेना के जवान पर पड़े हर एक थप्पड़ के बदले 100 जिहादियों को मार गिराओ. जिनको आजादी चाहिए वो चले जाएं. कश्मीर हमारा है और हमेशा रहेगा. #kashmirbelongs2us. वहीं सहवाग ने लिखा कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. आप हमारे सीआरपीएफ जवानों के साथ ऐसा नहीं कर सकते. अब ये बंद हो जाना चाहिए. ये बदतमीजी की हद है.
26 साल के फारुख अहमद डार ने इंग्लिश न्यूज़पेपर इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में घटना के बारे में पूरी जानकारी बताई है. डार का कहना है कि वह कोई पत्थरबाज नहीं है, बल्कि वह तो शॉल में कढ़ाई-बुनाई करके पैसे कमाता है. कश्मीरी युवक ने कहा, ‘मैं कोई पत्थरबाज नहीं हूं, मैंने मेरी जिंदगी में कभी भी पत्थरबाजी नहीं की है. मैं तो शॉल में कढ़ाई का काम करता हूं और मैं थोड़ी बहुत बढ़ईगीरी भी जानता हूं, यही मेरा काम है.’
रविवार को श्रीनगर में हुए चुनाव के बाद ड्यूटी से लौट रहे जवान के साथ युवक वीडियो में बदसलूकी करते दिख रहे हैं. साफ दिख रहा है कि कश्मीरी युवक जवान पर पत्थर फेंक रहे हैं और लात मार रहे हैं इतना सब कुछ होने के बाद भी जवान ने युवकों के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की.
जवान चुपचाप चलता हुआ दिख रहा है. बताया जा रहा है कि यह वीडियो बडगाम इलाके की है. वीडियो के जवाब में सीआरपीएफ के जवानों ने कहा है कि उस वक्त उस वक्त उनके लिए चुनाव के दौरान ईवीएम को सेफ रखना जरूरी था, ना कि युवकों को जवाब देना.
बता दें कि रविवार को श्रीनगर में लोकसभा उपचुनाव के दौरान हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी. रविवार को वोटिंग के दौरान कई जगह पर लोगों ने पत्थरबाजी की थी, जिसके जवाब में सुरक्षाबलों को फायरिंग करनी पड़ी थी और इस कार्रवाई में 8 लोगों की मौत हो गई थी.