नई दिल्ली : हाल ही के विधानसभा चुनाव खासकर क्रिकेटर्स के लिए यादगार रहे. इस दौरान दो राज्यों में तीन क्रिकेटर मंत्री बने तो वहीं एक राज्य में एक फुटबॉल खिलाड़ी को मुख्यमंत्री और एक हॉकी खिलाड़ी को विधायक बनने का अवसर मिल गया.
यूपी
उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव क्रिकेटरों के लिए खुशियों का पैगाम लेकर आए. यहां से दो क्रिकेटर मंत्री बने. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ चेतन चौहान उत्तर प्रदेश के अमरोहा ज़िले के नौगांवा सादात से सपा के जावेद अब्बास को हराकर विधायक बने और उन्हें योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया.
चेतन इससे पहले अमरोहा से दो बार 1991 और 1998 में सांसद रहे लेकिन 1996, 1999 और 2004 में वे लोकसभा चुनाव में हार गए थे. इसी राज्य से चुने गए एकमात्र मंत्री मोहसिन रज़ा रणजी खिलाड़ी रहे हैं. वह चेन्नई में एमआरएफ पेस फाउंडेशन में ट्रेनिंग भी ले चुके हैं. 2013 में मोहसिन बीजेपी में आए और मंत्री पद मिलने से पहले वह पार्टी के प्रवक्ता थे.
पंजाब से सिद्धू
उधर पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस में आना रास आ गया और उन्हें भी राज्य में मंत्री पद दिया गया. हालांकि वह उप-मुख्यमंत्री बनने के ख्वाब देख रहे थे. सिद्धू भी चेतन चौहान की तरह भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ थे.
कभी बीजेपी की ओर से अमृतसर से चुने जाते थे लेकिन इस बार उन्होंने पाला बदल लिया. पिछली बार बीजेपी ने उनकी जगह अरुण जेटली को उतारा था. इसी तरह भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और डिफेंडर परगट सिंह भी पहली बार कांग्रेस की टिकट पर विधायक चुने गए.
बीरेन मुख्यमंत्री
मणिपुर में बीरेन सिंह पहले ही मुख्यमंत्री पद सम्भाल चुके हैं जो कभी भारतीय जूनियर टीम के सदस्य हुआ करते थे और दुनिया के दूसरे सबसे पुराने टूर्नामेंट डूरंड कप को 1981 में जीतने वाली टीम के वह सदस्य थे.
पंजाब में बास्केटबॉल खिलाड़ी सज्जन सिंह चीमा, आम आदमी पार्टी से अर्जुन अवॉर्डी पहलवान करतार सिंह और मणिपुर से फुटबॉल खिलाड़ी सोमताई शाइजा को हार का सामना करना पड़ा. पहलवान शोकेंद्र तोमर को बड़ौत से समाजवादी पार्टी की टिकट पर हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने नौकरी छोड़कर ये चुनाव लड़ा था. यानी नौकरी भी गई और विधायक भी नहीं बन पाए.