हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान की घरेलू क्रिकेट में खेल रहे इकलौते सिख क्रिकेटर महेंदर पाल सिंह की. एक ऐसा क्रिकेटर जिसने अपनी गजब की गेंदबाजी से हर किसी को अपना मुरीद बना लिया है और जिसकी स्पीड में भी लगातार सुधार हो रहा है. 21 वर्षीय महेंदर पाल सिंह कराची के कैंडीलैंड विभाग की टीम से घरेलू क्रिकेट में खेलते हैं जो भारत के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत का सपना संजोए हुए हैं. प्रस्तुत है `इन खबर` को दिए इस एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के कुछ अंश
1-पाकिस्तान के घरेलू क्रिकेट में खेलने वाले सिख होने पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है ?
मुझे अब ऐसा लग रहा है कि इस साल क्रिकेट में मेरी कड़ी मेहनत का ईनाम मिल रहा है. मैं खुद को खुशनसीब मानता हूं कि नेशनल कैम्प के दौरान मुझे पूर्व टेस्ट खिलाड़ी और ऑलराउंडर मुदस्सर नज़र और महान लेग स्पीनर मुश्तार अहमद के सामने नेट्स पर गेंदबाजी करने का मौका मिला हालांकि यह मेरे क्रिकेट के लंबे सफर की अभी शुरुआत है.
3-पाकिस्तान के तमाम दिग्गज जब आपकी गेंदबाजी को देखते हैं तो उस वक्त आपके मन में क्या चल रहा होता है ?
यह मेरी खुशनसीबी है कि मैं अपनी गेंदबाजी से आकिब जावेद, अब्दुल कादिर और मोहम्मद अकरम जैसे महान क्रिकेटर का ध्यान अपनी ओर खींचने में कामयाब रहा. इन लोगों मेरा हौसला बढ़ाने के साथ-साथ मुझे अनुशासन और फिटनेस बनाए रखना भी सिखाया है.
4-आपके फेवरेट क्रिकेटर कौन हैं ?
मुझ पर शुरू से ही वकार यूनिस की गेंदबाज़ी का काफी प्रभाव रहा है. अच्छी स्पीड, स्विंग और रिवर्स स्विंग किसी भी अंतरराष्ट्रीय गेंदबाज़ के लिए अहम होती है लेकिन इन सब खूबियों के साथ बल्लेबाज़ पर कैसे दबाव बनाया जाता है, यह मैंने वकार भाई से सीखा है. हालांकि मुझे उनसे मिलने का मौका अभी तक नहीं मिल पाया है लेकिन मेरे साथियों का कहना है कि मैदान पर मेरे हाव-भाव वकार से काफी मिलते जुलते हैं.
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5-अपने परिवार और शुरुआती दिनों के बारे में बताएं ?
मैं ननकाना साहिब के आस-पास पला बढ़ा हूं. इस जगह का बाबा नानक का जन्मस्थान होने की वजह से ऐतिहासिक महत्व है. हमारा परिवार बहुत धार्मिक है. मेरे पिता सरदार हरजीत सिंह भी कभी क्रिकेट खेलते थे. वह एक तरह से मेरी बड़ी ताक़त हैं. वह पेशे से होम्योपैथी के डॉक्टर हैं और हमेशा मेरी और मेरी सभी चार बहनों और भाई की हौसला बढ़ाते हैं. मैं पाकिस्तान की क्रिकेट टीम में पहले सिख के तौर पर शामिल होकर उनका सपना पूरा करना चाहता हूं. इसके बाद उनकी तरह डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करने की मेरी ख्वाहिश है.
6-अगर मौका मिला तो किस तरह से करना चाहेंगे अपना ड्रीम डैब्यू ?
पाकिस्तान की ओर से खेलने के बारे में सोचने भर से मेरे रौंगटे खड़े हो जाते हैं. मैं चाहता हूं कि दुनिया की अव्वल दर्जे की टीम के खिलाफ मुझे अपने करियर की शुरुआत करने का मौका मिले. इस दर्जे की टीम भारत ही हो सकती है और उसके खिलाफ मुझे पाकिस्तान में खेलने का मौका मिले तो इससे बड़ा मौका कोई और नहीं हो सकता. इंशा अल्लाह …..