नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और चाइनीज मोबाइल कंपनी OPPO के बीच भारतीय क्रिकेट टीम की स्पांसरशिप को लेकर हाल ही में करार हुआ है. लेकिन अब आरएसएस इस करार के विरोध में उतर आई है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के जुड़ा स्वदेशी जागरण मंच (SJM) ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता ओप्पो के भारतीय क्रिकेट टीम के स्पांसरशिप का विरोध किया है. इस मामले में मंच ने सरकार के हस्तक्षेप की मांग भी की है और खेल मंत्री विजय गोयल से भी समय मांगा है.
करार दुर्भाग्यपूर्ण
एसजेएम के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा ‘व्यापार असंतुलन के मामले में चीन हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है. चीनी आयात के कारण रोजगार के नुकसान एक बड़ी समस्या है. दूसरी ओर चीन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. ऐसी स्थिति में यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक चीनी ब्रांड ने भारतीय क्रिकेट टीम की स्पांसरशिप के लिए बीसीसीआई से करार किया है. मामले में हमने सरकार के हस्तक्षेप की मांग करने के लिए खेल मंत्री से समय मांगा है.’
इतने की लगी बोली
इस करार के होने से भारतीय क्रिकेट टीम की पुरुष और महिला टीमों के खिलाड़ियों की जर्सी पर OPPO का लोगो लिखा दिखाई देगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक ओप्पो ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 5 साल के लिए 1079 करोड़ रुपये की बोली लगाकर स्पांसरशिप हासिल की है. यह राशि बीसीसीआई के जरिए निर्धारित की गई 538 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य के दोगुने से भी ज्यादा है.
बता दें कि टीम इंडिया की स्पांसरशिप के लिए लगी बोली में जो कंपनी हारी वो भी चाइना की मोबाइल कंपनी ‘वीवो’ थी. ओप्पो से पहले टीम इंडिया की स्पांसरशिप स्टार इंडिया के पास थी. स्टार के साथ बीसीसीआई का स्पॉन्सरशिप करार 31 मार्च 2017 को खत्म हो रहा है.